Rajasthan Rail News: राजस्थान का वागड़ क्षेत्र हमेशा से राजनीतिक गलियारे में सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बीच वागड़ एक दूसरी वजह से चर्चा में आया है. यहां एक ऐसी रेल परियोजना चल रही है, जिसे 10 साल से ज्यादा समय हो गए हैं और काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. अगर यह परियोजना पूरी हुई तो लाखों आदिवासियों को फायदा होगा. यहीं नहीं , ट्रेन ऐसे गांवों से गुजरेगी जहां बस तक नसीब नहीं होती है. इसको लेकर बांसवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद कनक मल कटारा और संसदीय क्षेत्र के लोग रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव से मिले और परियोजना को जल्द करवाने की बात रखी. 

उदयपुर संभाग लेकिन अब बांसवाड़ा संभाग के हिस्से वाला बांसवाड़ा जिला. यह जनजातीय क्षेत्र है जो दो राज्य गुजरात और मध्य प्रदेश के करीब है, यानी बॉर्डर एरिया. बड़ी बात तो यह है कि बांसवाड़ा इतना बड़ा जिला होने के बाद भी आज तक रेल लाइन से नहीं जुड़ पाया है. इसके लिए 10 साल पहले प्रोजेक्ट शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है. यह परियोजना है डूंगरपुर से रतलाम (मध्यप्रदेश) वाया बांसवाड़ा. 

मंत्री ने दिया है आश्वासन, जल्द होगा काम
बांसवाड़ा सांसद कनकमल कटारा ने सोशल मीडिया पर  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि मंत्री वैष्णव से मिलकर इस परियोजना के बारे में चर्चा की. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस परियोजना को आने वाले समय में अधिक गति मिलेगी. 

क्या है परियोजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डूंगरपुर से मध्य प्रदेश के रतलाम जंक्शन तक कनेक्टिविटी के लिए 191 किलोमीटर की रेल लाइन का प्रोजेक्ट है जो बांसवाड़ा से होकर जाएगा. बांसवाडा इतना बड़ा शहर है और रेल लाइन से वंचित है, जबकि डूंगरपुर में रेल लाइन है. यह परियोजना वर्ष 2011-12 ने शुरू हुई थी. इसमें कुछ राशि राज्य को भी देनी थी. इसमें लंबा समय जमीन अधिग्रहण में फस गया. इसी कारण यह परियोजना लंबी खिंच गई. यह ऐसे कई गांव से होकर गुजरेगी जहां आजादी के बाद अब तक लोगों को बसा सेवा नसीब नहीं है. साथ ही इसके शुरू होने पर उद्योग और पर्यटन को फायदा मिलेगा.


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