Banswara News: राजस्थान के उदयपुर जनजातीय बहुल क्षेत्र है. इसी कारण यहां पग पग पर विभिन्न प्रकार की रोचक और चौकाने वाली प्रथाएं है. इन प्रथाओं को यहां के लोग सैकड़ों वर्षों से निभाते आ रहे हैं. इसी प्रकार की एक विशेष प्रथा बांसवाड़ा जिले के है. यहां सैकड़ों महिलाएं पुरुषों की पोशाक पहनकर निकलती है. बड़ी बात यह है की इनके हाथों में धारदार हथियार रहते हैं.
एक साथ सभी महिलाएं और युवतियां गैर के रूप में निकलती है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस प्रथा को निभाने के पीछे क्या कारण है आइए जानते है.
100 साल से निभा रहे है यह प्रथा
दरअसल सुबह बड़ी संख्या में बांसवाड़ा जिले के टामटिया गांव की सैकड़ों महिलाएं और युवतियां धोती, कुर्ता, सिर पर पगड़ी पहन हाथों मे हथियार लेकर निकली और चौराहों पर गैर नृत्य भी किया. महिलाओं का कहना था कि इस प्रथा को धाड प्रथा कहते है. इसका निर्वहन पिछले 100 साल से भी ज्यादा समय से किया जा रहा है. इस प्रथा का निर्वहन करते हुए इंद्र देव से क्षेत्र में अच्छी बारिश की मनोकामना करते हैं ताकि फसल अच्छी हो और पानी की क्षेत्र में कमी ना होए. इस बार अगस्त में बहुत कम बारिश हुई है. इसलिए इस प्रथा के निर्वहन के लिए निकले है, ताकि आगामी समय में क्षेत्र में अच्छी बारिश हो.
धाड़ प्रथा के दौरान नहीं दिखते पुरुष
इस प्रथा में एक और खास बात है. खास बात यह कि जिस दिन इस धाड़ प्रथा का निर्वहन किया जाता है, उस दिन पुरुष दिखाई नहीं देते. जहां जहां से महिलाओं की टोली निकलती है वहां से पुरुष हट जाते हैं. इसके पीछे यह कारण है कि इस प्रथा का निर्वहन करते समय अगर सामने पुरुष दिख जाते हैं तो उसे अपशकुन माना जाता है.