Rajasthan News: बारां में टीचर को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन, इस वजह से किया गया था निलंबित
Baran Protest News: टीचर ने माता सरस्वती की तस्वीर की जगह सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी थी, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और मदन दिलावर को इसकी शिकायत की, जिस पर निलंबित किया गया था.
Baran News: राजस्थान के बारां में एक टीचर को माता सरस्वती की तस्वीर की जगह, प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाए जाने का खामियाजा निलंबन से भुगतना पडा. यह पूरा मामला 26 जनवरी 2024 का है, इस मामले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया. शिक्षिका को पुनः: बहाल करने की मांग को लेकर शहर जिला कांग्रेस कमेटी एससी विभाग द्वारा आज कलेक्ट्रेट पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
शहर जिला कांग्रेस कमेटी एससी विभाग कोटा के अध्यक्ष दिनेश खटीक ने बताया कि हेमलता बैरवा, अध्यापिका राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लकडाई, तहसील किशनगंज जिला बारां को न्याय सुरक्षा संरक्षण प्रदान करने और आरोपियों एवं विद्यालय के आरोपी स्टाफ के विरूद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को लेकर प्रदर्शन किया गया, यदि जिला प्रशासन इसके बाद भी नियमानुसार कार्रवाई नहीं करता तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा. दिनेश खटीक ने बताया शिक्षिका के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे अभिभावक व स्टूडेंट के खिलाफ भी दो दिन पूर्व लाठीचार्ज किया गया.
लगा दी थी सावित्री बाई फूले की तस्वीर
26 जनवरी 2024 को भारत के 75 में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान बारां जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लकड़ाई तहसील किशनंगज थाना नाहरगढ़ में पदस्थापित टीचर हेमलता बैरवा ने अपने संवैधानिक लोक सेवक के उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण सदस्यों एवं स्कूल के कुछ स्टाफ द्वारा राष्ट्रीय पावन पर्व के आयोजन के दौरान जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न किया गया.
टीचर ने माता सरस्वती की तस्वीर की जगह सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी थी, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और मदन दिलावर को इसकी शिकायत की, जिस पर शिक्षिका को निलंबित किया गया. उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. सार्वजनिक रूप से डराया धमकाया एवं जाति सूचक शब्दों से तिरस्कार करते हुए अपमानित किया गया.
'तो सड़कों पर उतरेगा दलित समाज'
दिनेश खटीक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीडित टीचर की कोई मदद नही की गई और राज्य सरकार द्वारा शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया जिससे राजस्थान प्रदेश के संपूर्ण अनूसूचित जाति के नागरिकों में रोष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो दलित समाज को सड़कों पर उतरना पडेगा.
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