Rajasthan News: राजस्थान के बारां (Baran) जिलें में लहसुन का ठीक दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हैं. कई किसान तो नदियों में या सड़कों पर लहसुन फेंक रहे हैं तो कई जगह किसान लहसुन को मवेशियों और गौशाला में गायों को खिलाने को मजबूर हैं. लहसुन की लागत 50 हजार रुपये बीधा तक आती है लेकिन भाव ने इस बार किसानों की कमर तोड़ दी है. ₹200 से लेकर ₹2000 प्रति क्विंटल भाव मिलने से किसानों को किराया नहीं मिल पा रहा है. दाम कम मिलने से किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है. किसानों की दिन रात के मेहनत से की गई पैदावार का कोई दाम नहीं मिल रहा है.


पिछले साल से किसानों ने अच्छे भाव के इंतजार में लहसुन रखा हुआ था जो अब खराब हो रहा है. ऐसे में मजबूर किसानों को लहसुन फेंकना पड़ रहा है. किसान एक साल से उम्मीद लगाए बैठे थे कि जब दाम बढ़ेंगे तो उन्हें मुनाफा होगा लेकिन अब वे बहुत निराश हैं. दाम नहीं मिलने से किसानों को बैकों के केसीसी के लोन का कर्ज, व्यापारी से लिया गया कर्ज चिंता में डाल रहे हैं.


गायों को खिला रहे लहसुन
अंता के निकटवर्ती ग्राम रातडिया में एक किसान ने लहसुन का ठीक भाव नहीं मिलने की वजह से शुक्रवार को श्री गोविंद गौशाला में ट्रैक्टर ट्राली से ले जाकर गायों के लिए लहसुन को डाल दिया. गौशाला के सदस्य जगदीश प्रसाद मालव और कमलेश मालव ने बताया कि किसान बनवारी लाल मालव ने ट्रैक्टर ट्राली से श्री गोविन्द गौशाला में लहसुन की कट्टियां लाकर गायों के लिए डाल दिया. 


गौशाला सदस्य ने बताया कि, पूछने पर किसान बनवारी लाल मालव ने कहा कि लहसुन का ठीक भाव नहीं है और मंडी में बेचने जाएं तो खर्चा भी नहीं निकल सकेगा, इससे तो अच्छा है कि इस लहसुन को थोड़ा थोड़ा करके गायों को खिला दिया जाए ताकि थोड़ा बहुत पुण्य प्राप्त हो जाए. किसानों ने कहा कि वह भाव नहीं बढने से परेशान थे और बेचने से तो गायों को खिलाना ही उचित समझा. उन्होंने कहा कि, गौशाला में लहसुन लेकर आया हूं और गायों को खिला रहा हूं. 


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