Rajasthan News: बारां के युवा वैज्ञानिक ने बनाया अनोखा डस्टबिन, कचरा भरते ही कहता है- 'मैं भर गया हूं'
Rajasthan News: युवा वैज्ञानिक ने बताया कि सेंसर तकनीकी से प्रोग्रामिंग करके ऑटोमेटिक डस्टबिन बनाया गया. वहीं उन्होंने एक नल का भी आविष्कार किया जो बाल्टी में पानी भरने के बाद खुद बंद हो जाता है.
Baran Young Scientist: स्वच्छता का संदेश देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि एक डस्टबिन भी स्वच्छता का संदेश देता है. दरअसल यह डस्टबिन बार-बार अवगत कराता है कि कचरे को डस्टबिन में ही डालें. यही नहीं इस विशेष तरह के डस्टबिन के पास कचरा आते ही ये स्वयं खुल जाता है.
कचरा डस्टबिन में पूरा भर जाता है, तो वह बताता भी है कि मैं भर गया हूं खाली करो. इसके साथ ही ये डस्टबिन कचरा डालने के बाद धन्यवाद से आपका अभिवादन भी करता है. बारां के युवा वैज्ञानिक नितेश का स्मार्ट डस्टबिन प्रदेश में पहले और स्मार्ट नल तीसरे स्थान पर आया है. अब 17 मार्च को नितेश आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के उन्नति महोत्सव में मॉडल का प्रदर्शन करेंगे.
देशभर की 28 यूनिवर्सिटी लेगी भाग
नितेश ने बताया कि उन्नत भारत अभियान के तहत देश में युवाओं के नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए 17 और 18 मार्च को आईआईटी दिल्ली में सामूहिक प्रदर्शनी लगाई जा रही है. इसमें वह अपने मॉडल को प्रदर्शित करेंगे. इसमें देशभर की 28 युनिवर्सिटी से चयनित युवा भाग ले रहे हैं, जिन्हें एक मंच मिला है. जहां वह अपने मॉडल की खूबियों को बताकर नए भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे.
प्रदेश में महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी उदयपुर ने नवाचार खोजने के लिए जुलाई 2022 में युवा वैज्ञानिकों के मॉडल देखे. इनमें बारां के युवा वैज्ञानिक नितेश मीणा ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में स्मार्ट डस्टबिन और स्मार्ट नल का प्रदर्शन किया. इसमें स्मार्ट डस्टबिन पहला और स्मार्ट नल को तीसरे स्थान प्राप्त हुआ.
बाल्टी भरते ही नल अपने आप बंद हो जाता है
नितेश ने कहा कि सेंसर तकनीकी से प्रोग्रामिंग करके ऑटोमेटिक डस्टबिन बनाया है. इस डस्टबिन के पास से गुजरने पर कचरा आते ही संदेश देने लग जाता है. लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का मैसेज देता है. इसे बनाने में 1700 रुपये खर्च आया है. इसमें सूखा और गीला कचरा रखने के लिए अलग-अलग पात्र है. वहीं नल की बात करें तो नल अपने आप बंद हो जाता है, जैसे ही पानी बाल्टी में ऊपर तक आ जाता है वह अपने आप बंद हो जाता है.
इसमें सेंसर तकनीकी का उपयोग किया गया है. इसमें केवल सर्किट का इस्तेमाल किया गया है, जो केवल 500 रुपये में बन गया. काजीखेडा निवासी नितेश मीणा रोडवेज में इलेक्ट्रिकल विभाग में फर्स्ट ग्रेड मैकेनिक हैं. उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर रोबोटिक बस बनाई. साथ ही ऑटोमेटिक डस्टबिन सहित 20 से अधिक मॉडल बना चुके हैं.
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