Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) में एक स्कूली छात्र ने घर में पड़े कबाड़ से एटीएम (ATM) मशीन बनाकर सभी को हैरान कर दिया है. दसवीं कक्षा के छात्र ने कबाड़ से जो एटीएम बनाया है, वह ओरिजिनल मशीन की तरह ही काम करता है. इस एटीएम से नोटों से लेकर सिक्के भी निकलने का एक ऑप्शन है. एटीएम को जिला और स्टेट लेवल के बाद अब किसी नेशनल लेवल पर प्रजेंट किया जाएगा.

 

बाड़मेर जिले के शिव के रहने वाले 10वीं कक्षा के छात्र भरत जोगल को बचपन से मशीन बनाने का शौक है. कच्चे घर में बहुत साधारण किसान के यहां जन्मे भारत ने इससे पहले भी स्कूल प्रोजेक्ट में कई तरह की मशीनें बनाई हैं. भरत ने यह मशीन केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत तैयार किया है. केंद्र सरकार की इस स्कीम में साल 2020 में गवर्नमेंट हायर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 5 बच्चों का चयन किया गया था, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से यह कंपटीशन रुक गया. इसके बाद इस साल प्रोसेस फिर से स्टार्ट होने के बाद भारत की बनाई मशीन का सिलेक्शन पहले स्टेट और अब नेशनल लेवल पर के लिए हुआ है.

 

भरत ने 10 दिन में बनाया एटीएम

 

भरत ने बताया कि कागज, वायर, छोटी मोटर, रबड़, ढक्कन आदि बेकार पड़े सामान को लेकर एटीएम मशीन को बनाई है. इसको बनाने में 10 दिन लगे. इसके लिए स्कूल के सभी टीचर का सहयोग रहा है. वहीं भाई ने भी मदद की थी. ऑटोमैटिक मशीन लाइट से चलती है. भरत के पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं. भरत की तीन बहनें और एक भाई है. भरत जोगल की मां नेमी देवी गृहणी है. दो भाई खेराज (22), मूलाराम (19), बहन दमयंती (16) है. दोनों भाई मजदूरी करते हैं. वहीं बहन 12वीं क्लास में पढ़ती है. पूरा परिवार आज भी झोपड़ी नुमा घर में रहता है.

 


 

जानिए क्या बोले भरत के टीचर

 

हड़वा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिंपल कमल किशोर कुमावत के मुताबिक भारत सरकार की स्कीम के तहत साल 2020 में भरत ने एक ऑटोमैटिक एटीएम मशीन तैयार की थी. मशीन में नोटों के लेन-देन के साथ-साथ सिक्के भी निकाले जा सकते हैं. यह एटीएम पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर काम करता है. टीचर हाथी सिंह का कहना है कि इस एटीएम मशीन में 1, 2 और 10 के सिक्के के अलग-अलग बॉक्स बने हुए हैं. एटीएम में सिक्के ऊपर से डालते हैं. सिक्के 1, 2 और 10 अलग-अलग बॉक्स में चले जाते हैं. फिर इसके बाद एटीएम से सिक्के निकल जाते हैं. बच्चे ने लगन से अच्छा प्रोजेक्ट बनाया है.

 

भरत ने बताया, "बचपन से मशीनों का शौक रहा है. जब गांव में कुछ नया होता तो मैं उसको देखता था. घर पर बेकार पड़े सामान से बनाने की कोशिश करता था. 2020 में एटीएम मशीन प्रोजेक्ट के लिए बनाई थी. उस समय 8वीं क्लास में पढ़ता था. अब स्कीम के तहत मेरा चयन नेशनल लेवल पर हुआ है."