Lok Sabha Election 2024: बाड़मेर लोकसभा सीट पर बढ़ेंगी बीजेपी की मुश्किलें? इस बागी विधायक ने किया निर्दलीय लड़ने का ऐलान
Barmer Lok Sabha Chunav 2024: बाड़मेर लोकसभा सीट पर सियासत तेज हो गई है. यहां से कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि बीजेपी ने कैलाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है.
Barmer Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस सीट से साल 2023 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़कर विधायक बने रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव लड़ने का किया है. मंगलवार (26 मार्च) को रविंद्र सिंह भाटी ने 36 कॉम की एक आमसभा में ऐलान करते हुए कहा कि मैं अपना सब कुछ दांव पर लगा रहा हूं.
बीजेपी ने बाड़मेर जैसलमेर सीट से कैलास चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. इस मौके पर कल रविंद्र सिंह भाटी ने ऐलान किया कि वह नामांकन की आखिरी तारीख को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. उन्होंने दावा करते हुए कहा, "राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद बीजेपी के ऑफर को ठुकरा कर चुनावी मैदान में ताल ठोक दिया है. रविंद्र सिंह भाटी के चुनावी रण में उतरने से बाड़मेर लोकसभा सीट पर बीजेपी का चुनावी समीकरण बिगड़ने लगा है.
सीएम भजनलाल ने की थी विधायक भाटी से मीटिंग
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने के साथ ही बाड़मेर शिव विधानसभा से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे. इसको लेकर उन्होंने अपने क्षेत्र में देव दर्शन यात्रा भी निकाली. उनके इस यात्रा से बीजेपी में खलबली मच गई है. इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविंद्र सिंह भाटी को जयपुर बुलाकर करीब एक घंटे तक मीटिंग की थी.
जयपुर से जोधपुर लौटने पर एयरपोर्ट पर रविंद्र सिंह भाटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारी बैठक हुई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा. कई तरह के विकास के काम भी होंगे. हालांकि उस दौरान भाटी ने अपना फैसला जाहिर नहीं किया और कहा कि में अपने लोगों से बात करूंगा. उसके बाद फैसला लूंगा. इसके बाद 26 मार्च को रविंद्र सिंह भाटी ने 36 कॉम बैठक में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर किया है.
बाड़मेर के शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी को मनाने के लिए बीजेपी लगातार प्रयास कर रही थी. सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि 2023 विधानसभा चुनाव की तरह अगर रविंद्र सिंह भाटी दोबारा बीजेपी के खिलाफ बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, तो इससे कहीं ना कहीं बीजेपी को बड़ा नुकसान होने की संभावना है.
रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी से बगावात कर जीते चुनाव
बता दें, साल 2023 विधानसभा चुनाव से पहले रविंद्रसिंह भाटी बीजेपी में शामिल हुए थे. जहां पर उन्होंने शिव विधानसभा से टिकट की मांग की थी. बीजेपी आलाकमान ने किन्ही कारणों से टिकट नहीं दिया. इससे नाराज रविंद्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करने में कामयाब रहे. लोकसभा चुनाव की तैयारियों के साथ ही उन्होंने शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने क्षेत्र में देव दर्शन यात्रा निकाली. सियासत के जानकारों का मानना है कि रविंद्र सिंह भाटी का बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र में काफी प्रभुत्व है. इसके अलावा उनकी युवाओं में अच्छी पकड़ और गहरी पैठ है.
इस सीट पर मुकाबला हुआ त्रिकोणीय
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर जाट और राजपूत बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. कांग्रेस ने यहां पर डैमेज कंट्रोल करते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने सांसद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
बीजेपी डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई, नतीजतन रविंद्र सिंह भाटी ने चुनावी मैदान में निर्दलीय ताल ठोकने जा रहे हैं. अब इस सीट पर त्रिकोण उम्मीद है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविंद्र सिंह भाटी अभी भी बीजेपी के संपर्क में हैं.
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