Barmer: फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में निशुल्क कराई जाती है नीट की तैयारी, इस साल 33 छात्रों ने परीक्षा में मारी बाजी
NEET Exam Preparation: डॉ. भरत सारण ने बताया कि फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान एक ऐसा गुरुकुल है, जहां पर बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खाना बनाने से लेकर बाजार में खरीदारी तक खुद करते हैं.
Barmer News: बाड़मेर जिले के गरीब होनार बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए पिछले 10 सालों से "फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान" काम कर रही है. ये संस्था गरीब बच्चों के सपनों को पंख दे रही है. इस वर्ष फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान के सभी 33 बच्चों ने नीट परीक्षा में बाजी मारी है. फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में पढ़ने वाले 33 बच्चों ने नीट की परीक्षा दी थी. पश्चिमी राजस्थान के सरहदीय क्षेत्र में बसे बाड़मेर जिले की फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान देश की चर्चित संस्थानो में से एक है.
इसकी वजह यह है कि, यहां पर गरीब होनहार बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई कराई जाती है. साथ ही उनका रहना-खाना निशुल्क होता है. यहां गरीब बच्चों के डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया जाता है. फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में प्रति वर्ष बाड़मेर जिले के 50 गरीब तबके के बच्चों का टेस्ट के जरिए सलेक्शन किया जाता है. ऐसे बच्चे जो होनहार होते हुए भी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं. फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान ऐसे होनहार बच्चों के सपनों को नई उड़ान दे रही है. डॉ भरत सारण ने फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान की शुरुआत की थी.
डॉ भरत सारण ने की संस्था की शुरुआत
फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान की शुरुआत करने वाले डॉ. भरत सारण ने एबीपी न्यूज से बताया कि, जब मैं एमबीबीएस की सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था, उस दौरान मुझे ऐसा लगा कि हमारे रेगिस्तानी क्षेत्र में अच्छे डॉक्टर मिलते नहीं हैं. यहां पोस्टिंग होने के बाद भी डॉक्टर आते नहीं हैं. क्यों ना गरीब बच्चों को सहयोग करके डॉ बनाया जाए. उसके बाद हमने फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान की शुरुआत की. हमारे यहां पर उन्हीं बच्चों को एडमिशन दिया जाता है, जो कि गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हों. ऐसे बच्चे जो होनार हैं, लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं. उन सभी बच्चों को फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में पढ़ाई, रहना और खाना पूरी तरह से निशुल्क है.
11th क्लास के दौरान कर लिया जाता है बच्चों का चयन
डॉ भरत सारण ने बताया कि फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान एक ऐसा गुरुकुल है, जहां पर बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खाना बनाने से लेकर बाजार में खरीदारी तक खुद करते हैं. डॉक्टर सारण ने बताया कि हमारी टीम के द्वारा 11th क्लास के दौरान बच्चों का चयन कर लिया जाता है. मैं खुद ही सभी बच्चो को केमिस्ट्री, बायोलॉजी और फिजिक्स पढ़ाता हूं. बच्चे यहां पर रहकर डिसिप्लिन के साथ साथ पढ़ाई भी करते हैं. ये डॉक्टर बनकर ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों का इलाज भी करेंगे.
डॉ भरत सारण और उनकी टीम ने वर्ष 2012 में फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान की शुरुआत की. इस संस्थान का उद्देश्य उन छात्रों का सपना पूरा करने का है. जो पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन उनके पास संसाधनों का अभाव है. अब तक इस संस्थान के 75 स्टूडेंट्स अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में अपना एडमिशन ले चुके हैं.