Barmer Police: देश में लड़का और लड़की को समान माना जाता है. लड़कियां और महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. इन सबके बीच रूढ़िवादी सोच लड़कियों के पैरों में बेड़िया डालने के हर संभव प्रयास कर रही है. ऐसा ही मामला पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर (Barmer) जिले से सामने आया है. यहां पंचों ने तुगलकी फरमान जारी कर एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर समाज से बाहर कर दिया है. 


समाज के पंचों ने ऐसा क्यों किया वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. शादी से पहले एक भाई ने अपनी दो बहनों को घोड़ी पर बिठाकर गांव में बिंदोली निकाली. भाई का ऐसा करना पंचों को नागवार गुजरा. इससे वे नाराज हो गए और इसके बाद तुगलकी फरमान जारी कर दिया.



पीड़ित परिवार ने दर्ज कराया मामला
मामला बाड़मेर जिले के सिवाना के मेली गांव का है. मंगलवार को दिन में दो बजे समाज के पंचों ने पंचायत में अपना फरमान सुनाते हुए परिवार का हुक्का पानी बंद कर समाज से बहिष्कृत कर दिया. पीड़ित परिवार पर आर्थिक दंड भी लगाया गया. आखिर पीड़ित परिवार ने इस तुगलकी फरमान के खिलाफ मंगलवार शाम सिवाना पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा कर कार्रवाई की मांग की.


जानें क्या कहा थानाधिकारी ने
सिवाना पुलिस थानाधिकारी नाथूसिंह ने बताया कि शंकर राम पुत्र थाना राम निवासी मेली ने शिकायत दी है. पूरे मामले की जांच कर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शंकर राम ने समाज के पंचों के खिलाफ नामजद शिकायत दी है. सकाराम पुत्र रामाराम निवासी कुसीप, मोहनलाल पुत्र इंदाराम निवासी सिवाना, रुपाराम निवासी पादरीडी, बोलाराम पुत्र मसराराम निवासी कुशीप, मजारराम निवासी मवड़ी सहित छह पंचों को आरोपी बनाया गया है. 


छह फरवरी को हुई थी दो बहनों की शादी
दरअसल, सिवाना के मैली गांव के शंकर राम पुत्र थाना राम ने अपनी दो बहनों लक्ष्मी (23) और धापू (22) की शादी 6 फरवरी 2023 को की थी. इस शादी के आयोजन में दोनों बहनों की बंदोली घोड़ी पर बिठाकर गांव में निकाली गई. 7 फरवरी को बहनों को विदाकर दिया गया. दोनों बहनों के दूल्हों की बारात जोधपुर से आई थी. 


नाराज हो गए समाज के पंच
इस प्रक्रिया से समाज के पंच नाराज हो गए. पंचों ने पीड़ित को कहा कि इस तरह की नई परंपरा डालने की समाज में होड़ मच जाएगी. गरीब इन परंपराओं को पूरा नहीं कर पाएंगे. ऐसी परंपरा समाज में नहीं डालनी चाहिए. 


शादी के ढाई महीने बाद हुई पंचायत
शादी के करीब ढाई महीने बाद पंचों ने सिवाना में पंचायत बुलाई. बहनों के भाई शंकरराम को भी बुलाया गया. दो बहनों की घोड़ी पर बिठाकर बिंदोली निकालने की गलती के कारण परिवार को समाज से बाहर कर दिया गया. परिवार पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया. शंकर राम ने बताया कि पूरे समाज को पाबंद भी किया गया हैं. इस परिवार से कोई रिश्ता या इनके घर आना जाना या बोलचाल नहीं करें.


पूरे परिवार को किया बहिष्कृत
पीड़ित शंकर राम ने सिवाना पुलिस थाने में पहुंच रिपोर्ट देकर बताया कि महिलाओं को भी समाज में बराबर का स्थान मिल पाए, इसलिए मैंने मेरी दो बहनों की बिंदोली घोड़ी पर बिठाकर निकाली थी. समाज के पंचों को यह बात पसंद नहीं आई. मंगलवार को सिवाना के रामदेव के मंदिर में समाज की सभा बुलाई गई. इसमें पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया. किसी अन्य समाज के लोगों को भी घर पर आने जाने से मना कर दिया गया.


क्या कहना है पीड़ित का
पीड़ित शंकर राम का कहना है कि पिता का देहांत कुछ सालों पहले हो गया था. मेरी 8 बहनें हैं. इनमें से 6 बहनों की शादी पहले हो चुकी थी. दो बहनों की शादी 6 फरवरी को की थी. घर में लास्ट शादी थी. इस वजह से बड़े धूमधाम से शादी कर बहनों को ससुराल विदा किया था. अब परिवार में एक शंकर राम की बूढ़ी मां, पत्नी और बच्चे हैं. शंकरराम शिक्षा विभाग में एलडीसी के पद पर तैनात हैं.


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