Shiv Vivah Mahotsav In Beawar: राजस्थान की धार्मिक नगरी एक ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी बनेगी. जगद्गुरु शंकराचार्य निरंजनदेव तीर्थ की पावन जन्मस्थली पर अगले साल की शुरूआत में पहली बार शिव विवाह महोत्सव का भव्य और दिव्य आयोजन होगा. धूमधाम से निकलने वाली शिव बारात में 7 राज्यों की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेगी. हरिद्वार (Haridwar) के संत महामंडलेश्वर कपिल मुनि के सानिध्य में शिव महापुराण कथा का आयोजन होगा.
इस कार्यक्रम में योग गुरु स्वामी रामदेव, पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण, जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज शामिल होंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत राजनीति जगत की कई हस्तियां और धार्मिक विभूतियां इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगी.
पोस्टर विमोचन कर तैयारियों का आगाज
ब्यावर में होने वाले नौ दिवसीय आयोजन को लेकर सोमवार को ब्रह्मानंद धाम में महामंडलेश्वर कपिल मुनि ने पोस्टर का विमोचन किया. बैंड की सुमधुर स्वर लहरियों के बीच महोत्सव की तैयारियों का आगाज हुआ. पंडित खेमराज ने स्वस्ति वाचन मंत्रोच्चार किया. नामदेव मुनि और प्रभा मुनि ने भजन गाए. शिव विवाह उत्सव समिति अध्यक्ष शंकरलाल प्रजापति, मंत्री राजेश शर्मा, कोषाध्यक्ष सुरेश लोढ़ा ने महामंडलेश्वर को श्रीफल भेंट कर, माला पहनाई और शॉल ओढ़ाकर स्वागत अभिनंदन किया.
ब्रह्मानंद धाम न्यास के अध्यक्ष कानप्रकाश सिंहल, आरसी गोयल, दिनेश शर्मा ने आयोजन को लेकर विचार रखे. कार्यक्रम में व्यवस्थाओं के लिए ब्रह्मानंद धाम न्यास, दुर्गा पूजा महोत्सव समिति, श्री रामकृष्ण सत्संग मंडल और अन्य संगठनों ने हरसंभव सेवा का आश्वासन दिया.
धूमधाम से निकलेगी शिव बारात
कपिल मुनि ने कहा कि ब्यावर पुण्यधरा है, यहां की जनता धर्मपरायण है. यह एक ऐसा शहर है जहां 365 दिन धार्मिक आयोजन होते हैं. उन्हें खुशी है कि ब्यावर शहर में पहली बार भूतभावन भगवान भोलेनाथ के विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन होगा. 10 फरवरी को ध्वजारोहण और मंडप पूजन कर महोत्सव की शुरूआत करेंगे. 11 से 17 फरवरी तक शिव महापुराण कथा होगी. 18 फरवरी को दोपहर में रूद्राभिषेक किया जाएगा. शाम को भगवान शिव की बारात निकलेगी.
7 राज्यों की 50 झांकियां
ब्यावर में पहली बार निकलने वाली शिव बारात में देशभर से पधारे 200 संत और 500 से अधिक कलाकार शामिल होंगे. 50 झांकियों में राजस्थान, केरल, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत सात राज्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक झलक देखने को मिलेगी. ऋषि, मुनि, देव, दानव, गंधर्व, किन्नर सभी के भगवान बारात में शामिल होंगे.
श्रद्धालु वाराणसी के बाबा विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल की भस्म आरती का दर्शन कर सकेंगे. भगवान विष्णु का रथ, शुक्राचार्य की सवारी, शिव तांडव नृत्य, भूत नृत्य, किन्नर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, पंजाब का भांगड़ा भी देखने को मिलेगा. अलग-अलग पांच बैंड के साथ भागलपुर की महिलाओं का पिंक बैंड भी स्वर लहरियां बिखेरेगा. नागा साधु अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा भी आएगा.
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