Bhagwat Katha In Rajasthan: राजस्थान की धार्मिक नगरी ब्यावर में आज से भव्य भागवत कथा का आयोजन होगा. जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्यामशरण देवाचार्य महाराज व्यासपीठ पर विराजित होकर भगवान राधासर्वेश्वर प्रभु की दिव्य लीलाओं का गुणानुवाद करेंगे. देलवाड़ा रोड बाइपास चौराहा स्थित पर्ल आनंदा कॉलोनी में स्वर्णगंगा परिवार की ओर से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा. सात दिवसीय कथा का शुभारंभ विशाल कलश शोभायात्रा से होगा. यह शोभायात्रा आज दोपहर 12.15 बजे सातपुलिया स्थित फतेहपुरिया बगीची से प्रारंभ होगी. यहां से गाजे-बाजे के साथ देलवाड़ा रोड से गुजरते हुए कथास्थल पहुंचेगी. मार्ग में विभिन्न संस्थाओं और समाज ने शोभायात्रा के लिए स्वागत द्वार लगाए हैं.
कथा में भाग लेने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात व अन्य राज्यों समेत राजस्थान के विभिन्न शहरों से श्रोता ब्यावर पहुंचे हैं. प्रदेश के मंत्री, सांसद व विधायक समेत कई हस्तियां इस कथा में धर्मलाभ लेने पहुंचेगी. महाराज कथा के लिए शनिवार रात ब्यावर पधारे उनके आगमन पर कथा आयोजक स्वर्णगंगा परिवार ने उनका आत्मीय अभिनंदन व स्वागत किया. इससे पूर्व आचार्य ने पंडित मोटर्स परिवार के आवास पर पहुंचकर पधरावणी की. अब आचार्य आगामी सात दिवस तक कथास्थल परिसर में बने आवास पर ही प्रवास करेंगे. स्वागत के दौरान कई श्रद्धालु मौजूद रहे.
शुकदेवजी के आगमन से होगी शुरूआत
आयोजक गणपत सर्राफ ने बताया कि सात दिवसीय कथा के मध्य ठाकुरजी के दिव्य लीला प्रसंग सुनाए जाएंगे. प्रथम दिन 25 दिसंबर को श्रीमद् भागवत कथा महात्म्य व शुकदेवजी के आगमन की कथा सुनाई जाएगी. 26 को कपिल उपदेव व ध्रुव चरित्र, 27 को प्रहलाद चरित्र, नरसिंह अवतार और वामन अवतार की कथा होगी. 28 दिसंबर को श्रीराम अवतार व श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग सुनाया जाएगा. सभी भक्त धूमधाम से प्रभु का जन्मोत्सव मनाएंगे. 29 को श्रीकृष्ण की बाल लीला व गोवर्धन लीला प्रसंग सुनाया जाएगा. छप्पन भोग के साथ गोवर्धन पूजा की जाएगी. 30 को रासलीला रहस्य, गोपी गीत और उद्धव चरित्र की कथा के साथ श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह उत्सव धूमधाम से मनाएंगे.
हजारों श्रोता करेंगे कथा श्रवण
31 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होने वाली कथा में सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष व शुकदेवजी की विदाई का प्रसंग सुनाया जाएगा. आयोजन से पूर्व शनिवार शाम कलश शोभायात्रा, पांडाल व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, प्रसाद वितरण, आवास व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था, कार्यालय व अन्य आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया. कथास्थल पर भव्य पांडाल का निर्माण करवाया है. मंच के पार्श्व पटल पर मंदिर की सुंदर छवि लगाई है. इस पांडाल में करीब 7 हजार श्रोताओं के बैठने की व्यवस्था रहेगी.
इन स्थानों से परिवहन सुविधा
कथा का श्रवण करने के लिए राजस्थान और अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों से श्रोता ब्यावर पहुंचे हैं. इनके लिए आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है. ब्यावर शहर के विभिन्न इलाकों से कथास्थल तक आवागमन के लिए वाहनों की व्यवस्था रहेगी. शहर में उदयपुर रोड स्थित ब्रह्मानंद धाम, सेंदड़ा रोड स्थित अजगर बाबा थान, सूरजपोल गेट बाहर स्थित बांकेबिहारी मंदिर, अजमेर रोड स्थित दादीधाम से प्रतिदिन दोपहर 12.30 बजे बस सुविधा उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा किशनगढ़ से ब्यावर तक दो बसें रोजाना संचालित की जाएगी.