Beawar News: उज्जैन की तरह राजस्थान में पहली बार नगर भ्रमण पर निकले 'महाकाल', जयकारे से गूंज उठा पूरा शहर
Mahakala shwari: राजस्थान के ब्यावर में भगवान महाकाल की भव्य सावन सवारी निकाली गई. सवारी के मंदिर पहुंचने पर महाआरती की गई. इस दौरान भक्तों के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा.
Rajasthan News: उज्जैन के महाकाल की तरह सावन के अंतिम सोमवार के मौके पर राजस्थान के ब्यावर में भगवान महाकाल की भव्य सावन सवारी निकाली गई. रथ पर सवार महादेव का विभिन्न तरह के फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया. भक्तों ने भगवान महादेव की भव्य छवि का दर्शन किया. उज्जैन में इस तरह की सवारी हर सावन सोमवार को निकाली जाती है. राजस्थान में संभवतया पहली बार इस तरह की सवारी का आयोजन हुआ है.
महादेव के जयकारे से गूंज उठा पूरा शहर
महाकाल की सवारी ब्यावर के डिग्गी महादेव से शुरू हुई. यहां से खाटू श्याम मंदिर, अजमेरी गेट, सुभाष चौक, भगत चौराहा, नगर परिषद मार्ग से गुजरते हुए नगर भ्रमण किया. सवारी के मंदिर पहुंचने पर महाआरती की गई. इस सवारी में सबसे आगे घोड़ों पर बालिकाएं सवार थीं. भोले के भक्त हाथों में बड़े-बड़े डमरू, झांझ, ढोल, ताशे बजाते हुए झूम रहे थे. बड़ी संख्या में महिलाएं और बालिकाएं भी बाबा की भक्ति करती दिखाई दी. जय महाकाल और हर हर महादेव के जयकारों से शहर गुंजायमान रहा. सवारी में महाकाल की भस्म आरती का नजारा भक्तों का मन मोह रहा था. जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं और संगठनों ने फूल बरसाकर महादेव की पूजा और आरती की.
क्यों प्रसिद्ध है ब्यावर के डिग्गी महादेव?
डिग्गी महादेव मंदिर ब्यावर शहर का अतिप्राचीन मंदिर है. खास बात यह है कि इस मंदिर में करीब सौ साल पुराना चमत्कारी चतुर्मुखी शिवलिंग स्थापित है. मान्यता है कि इस चमत्कारी शिवलिंग का दर्शन करने मात्र से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. सावन में हर रोज यहां महादेव को अलग-अलग रूपों में सजाया जा रहा है. पिछले सावन सोमवार की रात महादेव को तिरुपति बालाजी के रूप में सजाया गया था.
हाल ही पांच अगस्त को अयोध्या में बन रहे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन दिवस के मौके पर महादेव को श्रीराम के रूप में सजाया गया था. यहां हर साल महाशिवरात्रि, सावन और गणेश चतुर्थी महोत्सव भव्यता और धूमधाम से मनाया जाता है. प्रतिवर्ष हजारों-लाखों भक्त इन उत्सव में शामिल होने आते हैं.