World Earth Day 2022: राजस्थान के ब्यावर शहर में एक ओर जहां कचरे के ढेर लगे हैं वहीं दूसरी ओर अजमेर रोड पर स्थित वार्ड संख्या 59 के निवासी कचरे का बेहतर सदुपयोग कर रहे हैं. यहां लोग कचरे को रिसाइकिल कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. क्षेत्रवासी केएल शर्मा से प्रेरणा लेकर वार्ड पार्षद हरीश सांखला भी अब वार्ड के लोगों को इस नवाचार से जोड़ रहे हैं.
लोगों को पहुंचाई जा रही है जानकारी
वार्ड संख्या 59 के पार्षद हरीश सांखला ने बताया कि कचरे को रिसाइकिल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित वार्डवासी केएल शर्मा का सहयोग लिया जा रहा है. अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जा रही है. जो लोग रुचि दिखा रहे हैं उनके घर जाकर संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दे रहे हैं, ताकि कचरे का सदुपयोग हो सके और वार्ड भी स्वच्छ रहे.
फल-सब्जी से संवारी 'रसोई की बगिया'
रसोई में खाना बनाने के बाद जो सामग्री बच जाती है उसका भी सदुपयोग किया जा रहा है. नारियल की जटा, गन्ने के बेकार छिलके, सब्जियों के छिलके, खराब सब्जी, खराब फल, बगीचे के सूखे पत्ते, थोड़ी मिट्टी आदि को एक प्रक्रिया के तहत व्यवस्थित रूप देकर खाद तैयार करते हैं. जिससे पौधरोपण करना आसान तरीके से संभव हुआ है. इस प्रक्रिया को रसोई की बगिया नाम दिया गया है.
पर्यावरण प्रदूषण रोकने वाली इकोब्रिक्स
इकोब्रिक्स प्रक्रिया के तहत बेकार हुई प्लास्टिक थैलियों को प्लास्टिक की बोतलों में लकड़ी की सहायता से दबाकर भर दिया जाता है. इससे गाय और अन्य जीवों के प्लास्टिक खाने पर रोक लगने के साथ पर्यावरण प्रदूषण रोका जा रहा है. प्लास्टिक थैलियों के कारण नालियां बंद होने की समस्या से भी छुटकारा मिला है.
खाली डिब्बे-बोतल से सजाई बगिया
अमूमन पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतलों और तेल के डिब्बों को उपयोग के बाद फेंक दिया जाता है. मगर यहां इनका बेहतर सदुपयोग किया जा रहा है. प्लास्टिक के खाली डिब्बे और बोतल सड़क पर फेंकने की बजाय मनपसंद आकार देकर उसे सुंदर रंगरोगन किया है. इनमें मनीप्लांट और बेल के पौधे लगाकर बगिया सजाई है. इससे घर का बगीचा सुंदर बना और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिला है.
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