Rajasthan Beer Shortage: राजस्थान (Rajasthan) सहित कई राज्यों में बीयर (Beer) की किल्लत बढ़ गई है. इस बार गर्मी (Summer) में हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. गर्मी की जल्द शुरुआत होने से तेज चिल्लाती धूप के चलते मांग (Demand) भी बढ़ गई है. प्रतिबंधित सप्लाई के कारण शराब की दुकानों पर अब बीयर की किल्लत हो चुकी है और कई वजहों से अधिकांश लोकप्रिय ब्रांड की बीयर दुकानों से आउट ऑफ स्टॉक हो गई हैं. सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि ऐसी स्थिति जुलाई तक रहने की संभावना है.


बाजार से बीयर गायब हो चुकी है
राजस्थान में गर्मी की शुरुआत होते ही बीयर की किल्लत बढ़ गई है. जोधपुर लिकर एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश चौधरी ने बताया कि इस मार्च से शराब को लेकर नई नीति लागू हुई है तभी से बाजार से बीयर गायब हो चुकी है. गारंटी ड्यूटी की नीति पर हम लोगों ने दुकानें ली हैं लेकिन हमारे ऊपर टारगेट पूरा करने का तो काफी दबाव है. माल ही उपलब्ध नहीं है जिसके चलते ड्यूटी कट रही है तो हमको पेनल्टी के साथ उसको भरना पड़ रहा है. इस मामले में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि सरकार के अधिकारी और कंपनियों के अधिकारियों के बीच सामंजस्य नहीं हो रहा है. सेटलमेंट को लेकर प्रॉब्लम चल रही है जिसके चलते बाजार में बीयर नदारद है और इसका नुकसान आम शराब का दुकानदार झेल रहा है. 


परेशान हो रहे हैं दुकानदार और ठेकेदार 
जोधपुर लिकर एसोसिएशन के सचिव राजेश मेवाड़ा ने बताया कि इस वर्ष मार्च से ही शॉर्टेज है जिसके कारण बाजार में बीयर उपलब्धि ही नहीं है. कहीं ना कहीं ये दुकानदारों को ब्लैकमेल करने या काला बाजार के लिए किया जा रहा है. राजस्थान में प्रति महीने 50 लाख कैरेट बीयर की मांग रहती है. जोधपुर की बात करें तो प्रतिदिन 6000 कैरेट बीयर की मांग रहती है. मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो रही है जिससे दुकानदार और ठेकेदार परेशान हो रहे हैं.


दिल्ली में भी है किल्लत 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भीषण गर्मी में बीयर की जबरदस्त किल्लत है. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरी ने एबीपी न्यूज से कहा कि इस साल बीयर की मांग में पिछले वर्षों की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मार्च में गर्मी जल्दी शुरू होने के कारण इस बार मांग अचानक बढ़ गई है. जिन राज्यों में डिस्टिलरी स्थित हैं, वो निर्माताओं को दूसरे राज्यों में बीयर निर्यात करने से पहले घरेलू मांग को पूरा करने के लिए कहते हैं. दिल्ली में कोई डिस्टिलरी नहीं है और इसकी आपूर्ति राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू से होती है. प्रतिबंधित आपूर्ति के कारण, उपलब्धता कम है.


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