Rajasthan News: भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के असली हीरो भैरों सिंह शेखावत का सोमवार को निधन हो गया. भेरूसिंह 81 साल के थे, जो कि 14 दिसंबर से जोधपुर के एम्स अस्पताल में एडमिट थे. भैरोसिंह को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. इलाज के दौरान सोमवार को दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली. बॉर्डर फिल्म में अभिनेता सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह शेखावत का किरदार निभाया था. 3 दिन पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भैरोसिंह के परिजनों से बातचीत कर भैरोसिंह के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी.
जांबाज भैरोंसिंह जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के सोलंकियातला गांव के रहने वाले थे. कुछ दिन पहले भैरो सिंह को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से श्वास नहीं ले पा रहे थे. इसके बाद उनके शरीर में कोई मूवमेंट नहीं हो रहा था. जिसके चलते उन्हें एम्स के आईसीयू में एडमिट किया गया था. दोपहर में इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया. इधर भैरव सिंह के निधन की सूचना मिलने पर बीएसएफ डीआईजी संजय यादव पहुंकर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए बीएसएफ हेड क्वार्टर मंडोर ले जाया गया. मंगलवार सुबह सोलंकियातला गांव ले जाया जाएगा. जहां पर उनका अंतिम संस्कार होगा.
टैंकर रेजिमेंट को किया गया ध्वस्त
युद्ध के दौरान जांबाज भैरोसिंह को रेगिस्तान के लोंगेवाला चौकी पर तैनात किया गया था. जो बीएसएफ की एक छोटी टुकड़ी की कमान संभाल रहे थे. इसके साथ सेना के 23 पंजाब रेजीमेंट की एक कंपनी थी. इन्ह टुकड़ियों ने 5 दिसंबर 1971 को इसी जगह पाकिस्तान ब्रिगेड और टैंक रेजीमेंट को ध्वस्त कर दिया था.
पंजाब रेजीमेंट के 23 जवानों में से एक जवान शहीद हो गए. इतने में लांस नायक भैरोसिंह ने अपनी लाइट मशीनगन उठा कर आगे बढ़ते हुए दुश्मनों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. पाकिस्तानी सेना के मंसूबों पर पानी फेरते हुए उनकी कमर तक तोड़ दी थी. भैरोसिंह के बारे में कहा जाता है कि वो करो या मरो के दृढ़ संकल्पित थे. लोंगेवाला चौकी पर तैनात जवानों और भैरोसिंह के साहस से उस दिन पाकिस्तानी सेना पर जीत हासिल हुई.
सुनाया था 1971 के युद्द की दास्तां
जांबाज भैरोसिंह ने कुछ दिन पहले एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए युद्ध के बारे में बताया था. भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध बीच छिड़ चुका था. उस समय बीएसएफ की 14वीं बटालियन की कंपनी तीसरे नंबर की प्लाटून को लोंगेवाला पोस्ट पर तैनात थी. आर्मी की 23 पंजाब की एक कंपनी के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में लोंगेवाला का जिम्मा संभाला था. यह क्षेत्र बॉर्डर पोस्ट से करीब 16 किलोमीटर दूरी पर था. बीएसएफ की हमारी कंपनी को दूसरी पोस्ट पर भेज दिया गया था. मुझे पंजाब बटालियन के गाइड के तौर पर लोंगेवाला पोस्ट पर तैनाती के आदेश मिले थे. सेना को पेट्रोलिंग के दौरान इलाका दिखाया.
आधी रात को संदेश मिला कि पाकिस्तानी सैनिक पोस्ट की ओर बढ़ रहे हैं. उनके पास बड़ी संख्या में टैंक भी थे. भारतीय सेना ने हवाई हमले के लिए एयरपोर्ट से मदद मांगी थी, लेकिन रात होने के कारण मदद नहीं मिल पाई थी. इतना सब कुछ होने के बावजूद भैरोसिंह हिम्मत नहीं हारी. भैरो सिंह ने एलएमजी गन से लगातार 7 घंटे तक फायरिंग की और पाकिस्तानी सेना के सामने मोर्चा संभाले रखा. उस रात को भैरो सिंह ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा था.