Bhajan Lal Government Budget 2024: राजस्थान की भजनलाल सरकार का पहले आम बजट की घोषणा हो चुकी है. इस बजट की घोषणा के साथ बीजेपी इस बजट को विकसित राजस्थान का बजट बता रही है. वहीं विपक्ष इस बजट की घोषणा को लेकर तंज कसा रहा है. आम बजट की घोषणा के साथ जोधपुर सहित पूरे प्रदेश में कार बाजार का व्यवसायिक करने वाले लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
जोधपुर कार बाजार यूनियन ने बताया कि राजस्थान में विशेष रूप केवल मात्र पुरानी कारों के ट्रान्सफर एवं पुनः रजिस्ट्रीकरण पर अप्रत्याशित कर वृद्धि हुई है. राजस्थान में पहले से ही अन्य राज्यों के मुकाबले ट्रांसफर टैक्स (पुरानी कारों) पर सर्वाधिक था. उनका कहना है कि पुराने वाहनों की खरीदने बेचने पर विशेष रूप से टैक्स बढ़ाया गया है. जिससे पुरानी कर खरीद बेच करने वाले व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
इस चलते मुंह मोड़ रहे हैं ग्राहक
उनका कहना है कि सरकार की ओर से इस बजट में पुरानी कारों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. इसके चलते कारों के दाम भी बढ़ चुके हैं. ऐसे बढ़े हुए दाम के चलते ग्राहक भी उनके व्यापार से मुंह मोड़ रहे हैं. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. सरकार उनकी मांगों पर विचार करते हुए टैक्स कम करें. अन्यथा जयपुर में पूरे प्रदेश भर से आए कार डीलर एसोसिएशन के लोग उग्र आंदोलन करेंगे.
इस चलते हो रही है डील कैंसिल
जोधपुर कार बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण प्रजापत ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से हाल ही में अपना पूर्ण बजट पेश किया गया है. इस बजट में पुरानी कारों और अन्य प्रदेशों से लाई जाने वाली पुरानी कारों की खरीद फ़रोत पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. इसके चलते जिन्ह गाड़ियों का आरटीओ ट्रांसफर करवाना है. उसमें पैसा अधिक लगने के चलते डील कैंसिल हो रही है. ग्राहक बढ़े हुए दाम में कार खरीदने से इंकार कर रहा है. जबकि व्यापारी अपनी जेब से बढ़े हुए टैक्स का पैसा कैसे भुगतेगा.
ट्रांसफर कराने के रेट बढ़ें
एसोसिएशन के कैलाश पंवार ने बताया पूर्व में अन्य राज्यों से लाई जाने वाली पुरानी कारों पर 80 प्रतिशत तक छूट थी, वर्तमान में इसे घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे फर्क यह पड़ेगा कि यदि कोई व्यक्ति राजस्थान के अलावा किसी अन्य राज्य से गाड़ी खरीद कर ला रहा है तो पूर्व में जो गाड़ी के 25000 रुपये तक नाम ट्रांसफर के लगते थे. वर्तमान में ये बढ़कर 80 हजार से एक लाख तक हो चुका है. इसके अलावा राजस्थान नंबर की पुरानी गाड़ियों पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है. पूर्व में इन गाड़ियों पर 12.30 प्रतिशत तक टैक्स लगता था जिसे बढ़ाकर 25% तक कर दिया है. टैक्स की गणना नई गाड़ी के टैक्स के अनुसार की जाती है.
व्यापार पर की जा रही है दोहरी मार
कार बाजार के बाबू भाई ने बताया कि सरकार अब कार डीलरों पर दबाव बना रही है. पूर्व में सरकार की ओर से उन्हें व्यापार करने के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट लेने को कहा गया. इसके अलावा जीएसटी का भी कहा गया. जिससे पूरा कर दिया गया. अब टैक्स बढ़ाकर उनके व्यापार पर दोहरी मार की जा रही है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
1. अन्य राज्यों से आये वाहनों पर छूट 80 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत की गई जो की लगभग तीन गुना बढ़ गई है.
2. पुराने वाहनों पर ट्रांसफर टैक्स जहां अन्य राज्यों में मात्र 2000 से 5000 रुपये लगता है. वह राजस्थान में एकबारीय कर (one time tax) का 25 प्रतिशत कर दिया है. जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले सर्वाधिक है. पुरानी कारों का व्यापारी सरकार को पुर्नउपयोग नीति (reuse policy) के लिये काम करता है. साथ ही हम स्पष्ट करना चाहेगें की एक पुरानी कार बेचने पर चार सरकारी संस्थाओं एवं 7 व्यक्तियों को सीधा रोजगार प्राप्त होता है.
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