Rajasthan News: राजस्थान में कोचिंग करने वाले छात्रों की लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की प्रवृत्ति पर रोक के लिए भजनलाल शर्मा सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है. बहुत संभव है कि राज्य विधानसभा के इस महीने की 31 तारीख से शुरू होने वाले सत्र में सरकार इस आशय का विधेयक पेश करें.

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर पीठ में छात्रों की लगातार हो रही सुसाइड को लेकर स्व प्रेरित संज्ञान आधारित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश जवाब में यह जानकारी दी गई. कोर्ट ने इस जवाब को रिकॉर्ड कर लिया है. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी और जस्टिस इंद्रजीत सिंह इस याचिका की सुनवाई कर रहे थे और उन्होंने इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी तय की है.

कोई भी कानून बनने में लगता है समय
इससे पहले कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि लगातार हो रहे छात्रों के सुसाइड को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि हम इस संबंध में विधेयक ला रहे हैं. न्यायमित्र सुधीर गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि कोई भी कानून बनने में समय लगता है, इसलिए तब तक केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई गाइडलाइन की पालना कराई जाए और उसके मुताबिक मानकों के अनुसार कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन किया जाए.

कोचिंग सेंटर में इन छात्रों का नहीं होगा प्रवेश
प्रस्तावित कानून में सरकार कोचिंग सेंटर के संचालन और पंजीयन संबंधी नियम बनाये जा रहे है. इसके तहत कोचिंग संस्थानों की फीस, आधारभूत ढांचे, वहां दी जाने वाली सुविधाओं, अपनी फैकल्टी इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी.


इसके अलावा, कोचिंग सेंटर अपने कोर्स और उसकी मान्यता को लेकर भी जानकारी छात्रों को देने के लिए बाध्य किए जाएंगे. इसके अलावा 16 साल से कम उम्र वाले छात्रों का प्रवेश कोचिंग सेंटर में नहीं होगा.


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