अखिल भारतीय चारण गढवी महासभा युवा द्वारा 21 फरवरी को बाड़मेर चालकान गांव में शक्ति श्री माता के जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन किया जाएगा. अखिल भारतीय चारण-गढवी शक्ति संचय और मातृशक्ति महासम्मेलन होने जा रहा है. इस आयोजन में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहुंचेंगे. साथ ही देशभर के साधु संत कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे.


राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण सिंह तोलेसर ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी ओरण संस्कृति की शुरुआत भी आवड़ मां ने 820 के लगभग किया था. ओरण शब्द अरण्य यानि जंगल से बना है. इसके संरक्षित क्षेत्र से प्राकृतिक रूप से उगे जाल वृक्ष, नीम, पीपल, खेजडी आदि वृक्ष काटने पर पूर्ण तय रोक (निषिद्ध) होती थी.


बता दें कि आद्यशक्ति आवड मां का अवतरण विक्रमी संवत् 808 में चैत्र मास की शुक्ला नवमी को चालकना (बाड़मेर) में मामडजी चारण के घर पर हुआ था. यहीं आवड़माता ने चाळके नामक राक्षस का वध किया था, जिससे आवड़ मां लोक में चालकनेची मां के रूप में प्रसिद्ध हुईं. बाड़मेर और जैसलमेर में आवड़ माता के कुल 52 अवतारों (नामों) से सम्बंधित देवस्थान हैं. इनमें तनोटराय, तैमडेराय, भादरियाराय, देगराय, काली डूंगरराम और बालकनेची आदि प्रमुख हैं.


ऐसी कथा प्रचलित है कि देवी आवड़ माता ने आतातायी हूणों के आतंक से जनता की रक्षा की थी. भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारी मात्रा में बमों को भारतीय सीमा में दागा गया था. ऐसा इतिहास है कि मां तनोट राय ने बमों को फटने नहीं दिया और सेना के जवानों की रक्षा की थी.


राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण सिंह तोलेसर ने बताया कि दिव्यता और भव्यता से परिपूर्ण इस आयोजन में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक क्षेत्र की कई विभूतियां भी भाग लेंगी. यहां बीजेपी की पिछली सरकार ने धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण के जरिये ओंकार सिंह लखावत के निर्देशन में मंदिर के पीछे स्थित रेतीले धोरे पर माता का भव्य पैनोरमा भी बनवा गया था.उसका लोकार्पण भी किया जाएगा.


इस कार्यक्रम में संगतियों, संतों व विद्वजनों के उ‌द्बोधन के साथ ही देश के ख्यातनाम कलाकार चिरजा गायन करेंगे. सामाजिक पुनर्जागरण के इस कार्यक्रम में भामाशाहों और विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाएगा. इस प्राचीन शक्तिपीठ पर राजस्थान- गुजरात सहित पूरे भारतवर्ष से भगवती के हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं.


चालकना ट्रस्ट के सौजन्य से आयोजित चारण समाज के इस महासम्मेलन में जोधपुर महानगर सहित जोधपुर संभाग से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे. संयोग से 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस होने से सीएम को राजस्थानी भाषा को राज-काज की भाषा बनाने की मांग भी की जाएगी.


प्रभारी नारायण सिंह तोलेसर के साथ ही राष्ट्रीय मंत्री मुकनदान रतनू, जिलाध्यक्ष चंदनसिंह सांदू, प्रदेश मंत्री दिनेश सिंह नोखडा, जिला प्रभारी दिनेश सिंह बैह, सीवीपी संयोजक मदनदान ढाढरवाला, प्रदेश महामंत्री प्रदीप सिंह करूंबला, मीडिया प्रभारी एडवोकेट सवाईसिंह ऊंचपदरा, युवा भाजपा नेता जनकसिंह आशिया, एडवोकेट डूंगरसिंह चाणदा और शिक्षाविद किशनदान कटारका सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.


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