Bhajanlal Sharma And C R Patil Visit Dungarpur: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल शनिवार (4 जमवरी) को डूंगरपुर जिले के खड़गदा गांव पहुंचे. उन्होंने जनता के सहयोग से अहमदाबाद से साबरमती नदी तटबंध के किनारे खड़गदा में मोरन और भागीरथ नदियों में जल संरक्षण के प्रयासों का अवलोकन किया. साथ ही सीएम ने मोरन नदी के विकास को लेकर लगाए गए प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. ल संरक्षण के लिए जन सहयोग से बनाए गए कुएं का पूजन कर लोकार्पण किया.


केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के सपने को साकार किया जा रहा है.  इस कड़ी में राजस्थान और मध्य प्रदेश की नदियों को जोड़ने की ईआरसीपी पीकेसी लिंक परियोजना को मंजूरी दी है. लगभग 70 हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना में 90 प्रतिशत अंशदान केंद्र सरकार और पांच-पांच प्रतिशत अंशदान मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार देंगी. 






परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद राज्य में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत जन सहयोग से राजस्थान के 40 हजार गांवों में वाटर रिचार्ज के लिए बोरवेल खोदे जाएंगे. मंत्री ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के पोर्टल पर 'कैच द रैन' अभियान में खड़गदा गांव के इस प्रयास को विशेष स्थान दिया जाएगा.


9 महीने में हुआ ये बड़ा काम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को ईआरसीपी-पीकेसी लिंक परियोजना से पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल मिल सकेगा.  उदयपुर में देवास योजना के माध्यम से जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. माही बांध से बांसवाड़ा-डूंगरपुर को पेयजल एवं सिंचाई के लिए योजना प्रारंभ की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर जनभागीदारी से जल संचय का अभियान शुरू किया गया है.


प्रदेश के 40 हजार गांवों में जल संचय के कार्य किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि खड़गदा एवं आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों ने 9 महीने में एक किलोमीटर के दायरे में मोरन नदी को चौड़ा और गहराकर जल की उपलब्धता बढ़ाकर अभूतपूर्व कार्य किया है.


सीएम ने जल संरक्षण की अपील की
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि गांवों में उपलब्ध पेयजल के पारंपरिक स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नदी आदि के संरक्षण के लिए सहभागिता से काम करना चाहिए, ताकि हम इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सकें. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से खड़गदा वासियों ने प्रदेश को यह संदेश दिया है कि स्थानीय पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण किया जाना बहुत आवश्यक है.


इसमें प्रवासी राजस्थानियों द्वारा गांवों में भू-जल रिचार्ज के लिए सहयोग दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने का प्रयास कर रही है. इस मिशन के तहत डूंगरपुर जिले में लगभग 77 हजार कनेक्शन तथा 93 प्रतिशत स्कूलों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं.


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