Lumpy Virus: भरतपुर में लंपी वायरस ने लगाया पशु मेले और प्रदर्शनी पर ब्रेक, सरकार बोली- गौवंश को बचाना प्राथमिकता
श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले का पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के लोगों को भी इंतजार रहता है. मेले में कारोबारी गाय, भैंस, ऊंट, घोड़ा, बकरियों का व्यापार करने के लिए आते हैं.
Lumpy Skin Disease: पश्चिमी राजस्थान के बाद अब पूर्वी राजस्थान में भी लंपी वायरस कहर बरपा रहा है. भरतपुर जिले में अब तक लंपी वायरस से 169 गौवंशों की मौत हो चुकी है. 961 गौवंशों के ठीक होने के बाद अभी भी 4378 गौवंश लम्पी वायरस से ग्रसित हैं. पशुपालन विभाग ने संक्रमित गौवंशों को आइसोलेट किया है. राजस्थान सरकार ने लम्पी स्किन डिजीज को देखते हुए पशु मेले और पशु हाट पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है. लम्पी वायरस ने भरतपुर में लगने वाली जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले को भी प्रभावित किया है. भरतपुर में जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला को 100 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं. जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले की शुरुआत महाराजा किशन सिंह ने 1920 में की थी.
भरतपुर के महाराजा जसवंत सिंह की याद में जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेले का आयोजन हर वर्ष दशहरा के अवसर पर पशुपालन विभाग करता है. जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले का पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के लोगों को भी इंतजार रहता है. मेले में कारोबारी गाय, भैंस, ऊंट, घोड़ा, बकरियों का व्यापार करने के लिए आते हैं. पशुपालन विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगाई जाती है. प्रदर्शनी में किसानों को पशुपालन, खेतीबाड़ी, बीज और खेती के लिये उपयोग में आने वाले उपकरणों की जानकरी दी जाती है.
राजस्थान में पशुपालन विभाग को हर साल होती है लाखों की आय
जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले से पशुपालन विभाग को हर वर्ष लाखों रुपये की आय होती है. पशु मेले में तरह-तरह के झूले, मिनी सर्कस, मौत का कुआं, डिस्को डांसर लोगों को आकर्षित करते हैं. लोगों के लिए चाट बाजार अलग से लगाया जाता है, कपड़ा बाजार अलग लगता है और लोहा बाजार अलग होता है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले से खरीददारी करते हैं.
श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले पर लम्पी वायरस ने लगाया ग्रहण
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेन्द्र सिंह चाहर ने बताया कि गौवंश में लम्पी वायरस फैल रहा है. लंपी वायरस के खतरे को देखते हुये भारत सरकार और राजस्थान सरकार ने पशु मेले और पशु हाट पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. मेले में लगभग पशुपालन विभाग का 100 स्टाफ कार्य करता है. लेकिन लम्पी वायरस के खतरे को देखते हुए हमारी पहली प्राथमिकता गौवंश को बचाने की है.
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