Bharat Jodo Yatra: राहुल की यात्रा को लेकर राजस्थान में शुरू हुआ 'गुर्जर vs गुर्जर'! बढ़ी सरकार की टेंशन
गुर्जर आरक्षण विवाद राजस्थान में 2006 से जारी है, लेकिन अब फिर यह सामने आता दिखाई दे रहा है. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद अब बेटे विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख हैं.
Bharat Jodo Yatra: राजस्थान में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को लेकर 'बवाल' सा दिख रहा है. प्रदेश के पांच जिलों से होकर यात्रा हरियाणा में प्रवेश करेगी. राहुल की यात्रा का सबसे बड़ा भाग राजस्थान में हाड़ौती क्षेत्र रहेगा. यात्रा झालावाड़ से राजस्थान में प्रवेश करेगी और उसके बाद कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर होते हुए दौसा पहुंचेगी. दौसा के बाद यह यात्रा अलवर होते हुए हरियाणा राज्य में प्रवेश करेगी. बड़ी बात यह है कि गुर्जर समाज पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं, तो वहीं गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय सिंह बैंसला ने यात्रा के विरोध का एलान किया है.
इन दोनों घटनाओं को लेकर एक बात साफ हो गई है कि गुर्जर बनाम गुर्जर की राजनीति शुरू हो चुकी है. ये पांचों जिले गुर्जर बाहुल्य हैं. विजय सिंह बैंसला के विरोध को संभालने के लिए अब कांग्रेस पार्टी के समर्थक और विधायकों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है. वहीं, विपक्ष पर भी सबकी नजरें हैं.
पायलट ने दिल्ली में की बैठक
राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर जहां हलचल है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, के.सी. वेणुगोपाल और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और वरिष्ठ नेताओं के साथ सचिन पायलट ने बैठक की. यहां राजस्थान में होने वाली राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर चर्चा हुई.
जिम्मेदारी में भी विवाद
वहीं पार्टी ने डोटासरा, जाट, जैन, राठौड़ सहित विधायक दानिश अबरार, विधायक आलोक बेनीवाल, हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज को यात्रा की व्यवस्थाओं से जुड़ी बहुत सी जिम्मेदारियां दी हैं, लेकिन पायलट या उनके समर्थक माने जाने वाले किसी भी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है. इस बात को लेकर खूब बवाल है. लेकिन दिल्ली में सचिन पायलट की कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक ने कई संकेत दिए हैं.
2006 से चल रहा है विवाद
गुर्जर आरक्षण विवाद राजस्थान में 2006 से जारी है. लेकिन एक बार फिर आरक्षण का विवाद सामने आ गया है. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन होने के बाद अब उनके पुत्र विजय सिंह बैंसला अब गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख हैं. हाल ही में पुष्कर में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में मंच पर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना (दोनों गुर्जर नेता) की मौजूदगी में युवाओं ने जूते-चप्पल उछाल कर हुड़दंग कर दिया था. यहीं से यह विवाद बढ़ता जा रहा है. अब भारत जोड़ो यात्रा तक मामला पहुंच गई है.
इसलिए बढ़ रही नाराजगी
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय सिंह बैंसला ने कहा आंदोलन के दौरान समाज के जिन लोगों पर सरकार ने मुकदमों दर्ज किए थे, उन्हें वापस लेने पर सहमति बनी थी, लेकिन सरकार ने गुर्जर के खिलाफ दर्ज मुकदमें अब तक वापस नहीं लिए हैं. राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि गुर्जर आरक्षण को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करवाने को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी. आंदोलन में मारे गए लोगों के स्वजनों को नौकरी भी समझौते के अनुसार अब तक नहीं दी गई है. देवनारायण बोर्ड के माध्मम से गुर्जर समाज के शैक्षणिक और सामाजिक उत्थान का वादा अब तक पूरा नीं हुआ है. इसलिए भारत जोड़ो यात्रा को प्रभावित करने की बात सामने आई है.