Rajasthan News: झालावाड़ जिले से राजस्थान में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा का विरोध अब और तीखा होता जा रहा है, अब तो गुर्जर समाज ने भारत जोडो यात्रा को राजस्थान में नहीं घुसने देने की चेतावनी दे डाली. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता विजय बैंसला ने कोटा में मीडिया से बातचीत में कहा कि 4 साल पहले हुए सरकार के साथ समझौते पर क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा का राजस्थान में तीखा विरोध किया जाएगा .उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान में नहीं घुसने दिया जाएगा. यदि सरकार ने शीघ्र ही समझौते का क्रियान्वयन नहीं किया तो आंदोलन किसी भी हद तक जा सकता है.
दुनिया में कोई जादू नहीं होता
उन्होंने कहा कि जादू तो दुनिया में होता नहीं, उन्होंने कहा हम विश्वेंद्र सिंह और शकुंतला जी से भी मुलाकात कर चुके हैं, सभी को अवगत करा चुके हैं, मुख्यमंत्री को भी पता है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. उन्होंने कहा यह पूरा आंदोलन राजनीतिक नहीं है, समाज को लेकर साथ चल रहे हैं, समाज की जो मांगे हैं उन्हें पूरा करवाने का प्रयास किया जा रहा है.बैसला ने कहा कि 2019-20 के समझौते का क्रियान्वयन कब होगा. आखिर 4 साल निकल गए हम 4 साल से बात कर रहे हैं, ये लोग काम नहीं करेंगे तो कहीं तो जाएंगे. हम कहां अपना सर पीटे.राजस्थान में 7 प्रतिशत गुर्जर है ऐसे में 2019 में कर्नल बैंसला के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन सरकार नहीं कर रही है.उन्होंने कहा कि हम किसी के इशारे पर काम नहीं कर रहे हम केवल समाज के उत्थान के इशारे पर काम कर रहे हैं.युवाओं के भविष्य के लिए उनके इशारों पर काम कर रहे हैं.
यदि सरकार संज्ञान नहीं लेती तो हम अच्छा संज्ञान लेंगे
उन्होंने कहा कि यह समाज की विचारधारा है, कर्नल साहब ने अपना पूरा जीवन गुर्जर आरक्षण के लिए लगा दिया, अब राहुल गांधी की यात्रा में हम 11 दिन से सरकार के संज्ञान में हैं, यदि सरकार संज्ञान नहीं देती तो हम अच्छा संज्ञान लेंगे.उन्होंने कहा कि संघर्ष किसी भी हद तक जा सकता है, यदि अच्छा नेतृत्व मिल जाए तो संघर्ष की नौबत ही नहीं आती.उन्होंने सचिन पायलट की भी वकालत करते हुए मुख्यमंत्री बनाए जाने के अपने पूर्व की बात को दोहराया.
राजनैतिक हलचल तेज, इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट
विजय बैंसला के बयान के बाद एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, उनसे पूछा गया कि क्या पटरी उखाडी जाएगी, आंदोलन उग्र होगा तो उन्होंने कहा कि आंदोलन किसी भी हद तक जा सकता है.इस बयान के बाद इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई है.ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा को महज कुछ ही दिन बाकी है, ऐसे में गुर्जर समाज का तीखे तेवर दिखाना और आंदोलन को तेज करना कहीं ना कहीं राजस्थान की राजनीति में में क्या नया मोड लाता है ये तो आने वाली राहुल गांधी की यात्रा जब राजस्थान में प्रवेश करेगी तब पता चलेगा, लेकिन गुर्जरों का एक बार फिर हुंकार भरना आरक्षण के साथ चुनावी तौर भी देखा जा रहा है.