Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस (Congress) एक ओर बीजेपी (BJP) का विरोध झेल रही है. वहीं दूसरी ओर वो अपने विधायकों से भी नहीं बच पा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) लाख कोशिश कर रहे हैं कि राजस्थान में एक बार फिर से सरकार रीपीट हो, लेकिन वो अपने ही रूठों को मनाने में नाकम रहे हैं. एक तरफ गुढा का विरोध है, तो दूसरी ओर कोटा संभाग के राम नारायण मीणा और भरत सिंह का भी विरोध उन्हें सहन करना पड़ रहा है.


भरत सिंह के कारण तो सीएम गहलोत ने कई बार कोटा का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया, लेकिन इस बार भरत सिंह ने 19 नए जिले बनाए जाने पर हर्ष व्यक्त किया है. साथ ही एक गांव को कोटा में शामिल नहीं करने पर अपनी आपत्ती भी दर्ज कराई है. भरत सिंह  ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखा है. इस पत्र में  उन्होंने कहा "प्रदेश में 19 नवीन जिले बनाने पर आपको हार्दिक बधाई. विधानसभा चुनाव से पहले आपके द्वारा उठाया गया यह कदम संभव ही पार्टी को पुन: शासन में लाने में मदद करेगा."


हमेश विरोध करते हैं भरत सिंह
भरत सिंह ने आगें कहा है कि लेकिन, खान की झोपडियां गांव को कोटा जिले में नहीं मिलाना खेदजनक है. यह दाग साफ करना आपके लिए (सीएम गहलोत) कठिन होगा. बता दें कोटा जिले के सांगोद विधायक और पूर्व पीडब्लूडी मंत्री भरत सिंह अपनी आवाज को हमेशा उठाते हैं और कई तरह से विरोध दर्ज कराते हैं. वो कभी काले कपड़े पहनते हैं, तो कभी कभी अपने ही घर में रावण बनाकर रखते हैं. 


भरत सिंह खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में मिलाए जाने को लेकर अब तक मुख्यमंत्री दर्जनों बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनके पत्रों से केवल वो अपना विरोध दर्ज कराते हैं. उनकी समस्या का समाधान नहीं होता. खनन और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर वो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और अवैध खनन का आरोप लगा चुके हैं.


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