Rajasthan Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद अगले पांच साल तक सभी जगह से केंद्र में प्रतिनिधित्व की स्थिति साफ हो चुकी है. इस बार राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र यानी मेवाड़ और वागड़ में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. मेवाड़ वागड़ में 8 महीने पहले भारत आदिवासी (BAP) नाम की पार्टी की उदय हुआ.
राजस्थान में 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के 3 विधायकों ने जीत कर जयपुर पहुंचे. अब बांसवाड़ा लोकसभा के 72 साल के इतिहास में इस पार्टी से दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सांसद बना है. भारत आदिवासी पार्टी की स्थापना के बाद इसका लगातार तेजी से लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा है. आइये जानते हैं पार्टी का वोट बैंक कितना बढ़ा है.
विधानसभा चुनाव में BAP के प्रत्याशियों ने चौंकाया
भारतीय ट्राइबल पार्टी छोड़ बांसवाड़ा से जीत दर्ज करने वाले राजकुमार रोत ने नई पार्टी बनाई जिसका नाम रखा भारत आदिवासी पार्टी. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ठीक 2 माह पहले इस पार्टी की स्थापना हुई.
इसके बाद विधानसभा चुनाव में राजकुमार सहित तीन विधायकों जीत का परचम लहराया. चौरासी विधानसभा से राजकुमार रोत को पहली बार में ही 1.11 लाख वोट मिले. इसके अलावा डूंगरपुर जिले के आसपुर विधानसभा से उमेश मीणा को 93 हजार 742 वोट मिले.
इसके अलावा बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की करीब 5 विधासभा में भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. एक अन्य प्रत्याशी ने प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से थावरचंद ने जीत दर्ज की और विधायक बने. उन्होंने कुल 83 हजार 655 वोट हासिल किया.
रोत ने हासिल की दूसरी बड़ी जीत
विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी भारत आदिवासी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे. इसके तहत मेवाड़ वागड़ की तीन लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे. इसमें राजकुमार खुद बांसवाड़ा से मैदान में उतरे. राजकुमार को पहली बार में ही 8 लाख 20 हजार 831 वोट मिले.
72 साल के चुनावी इतिहास में बांसवाड़ा लोकसभा सीट से दूसरी बार किसी प्रत्याशी 2.47 लाख वोट के अंतर से बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. उदयपुर लोकसभा से प्रकाश चन्द्र को 2 लाख 17 हजार 138 वोट मिले.
BAP का तेजी से बढ़ रहा लोकप्रियता ग्राफ
चित्तौड़गढ़ लोकसभा से मांगीलाल ननामा को 42 हजार 811 वोट मिले जबकि यह आरक्षित सीट नहीं है और आदिवासी वोट ज्यादा नहीं हैं. ऐसे में अंतर साफ देखा जा सकता है कि पहली बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाग लेने वाली इस पार्टी का क्रेज तेजी से बढ़ा है. इस दौरान इनके वोट शेयरिंग में अच्छा काशा इजाफा हुआ है.
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