Rajasthan News: भरतपुर को राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाता है. इस जिले में रियासत काल का एक किला है, जिसका नाम है अजयगढ़. इस किले को मुग़ल, मराठा और अंग्रेजी हुकूमत भी फ़तेह नहीं कर सकी. भरतपुर रियासत के लोहागढ़ किले का निर्माण 1,733 में महाराजा सूरजमल ने करवाया था. सुरक्षा की दृष्टि से लोहागढ़ किले के चारों तरफ सुजान गंगा नहर बनाई गई और भरतपुर शहर के चारों तरफ कच्चे मिटटी का परकोटा बनाया गया. जिसमे चारों तरफ शहर में प्रवेश के लिए पुख्ता बड़े-बड़े 12 गेट बनाए गए थे.



जानकारी के अनुसार पहले युद्ध तोप और बारूद से ही लड़े जाते थे और तोप और बारूद से बचाव के लिए महाराजा सूरजमल द्वारा किले को बनवाने के लिए एक खास तरह की तकनीकी अपनाई गई थी. इसके लिए दीवार के चारों तरफ सैकड़ों फुट चौड़ी कच्ची मिट्टी की दीवार बनाई गई. जिससे तोप के गोले मिटटी की दीवार में ही धंस जाते थे और दुश्मन कभी भी इस किले को फ़तेह नहीं कर पाए. भरतपुर रियासत के महाराजा सूरजमल द्वारा स्थापित लोहागढ़ किला अपने आप में अहम स्थान रखता है, क्योंकि यह दुर्ग हमेशा अजयदुर्ग रहा है. यह किला दोहरी प्राचीर से घिरा है इसकी भीतरी दीवार ईंट पत्थर से बनी हुई है और बाहरी दीवार मिट्टी की बनी हुई है. यही कारण था की भरतपुर के ऐतिहासिक किले को कोई भी फ़तेह नहीं कर पाया क्योकि दुश्मन के तोप के गोलों का मिट्टी की दीवार पर कोई असर नहीं होता था.  


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महल के चारों तरफ सुजान गंगा नहर का कराया निर्माण
महाराजा सूरजमल द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लोहागढ़ किले के चारों तरफ गहरी सुजान गंगा नहर बनाई गई सुजान गंगा नहर और मिट्टी का कच्चा परकोटा किले की सुरक्षा कवच के रूप में काम करते थे. इस किले पर आक्रमण करना किसी भी राजा ,महाराजा ,बादशाह ,मुग़ल, मराठा या अग्रेजों के लिए आसान नहीं था. जब कोई भी शासक इस किले पर आक्रमण करता तो तोप के गोले मिट्टी की दीवार में धंस जाते और उनकी आग शांत हो जाती थी और किले को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता था.  

इतिहासकार ने क्या बताया
इतिहासकार महेंद्र सिंह सिकरवार बताते है की इस किले पर अधिकार जमाने के लिए अंग्रेजो ने 13 बार हमला किया और अंग्रेजों की सेना ने सैकड़ों तोप के गोले किले पर बरसाए, लेकिन किले का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाए. अंग्रेजो की सेना द्वारा बार-बार हमला करने के बाद भी किले पर फ़तेह नहीं करने से अंग्रेजो की सेना हताश हो गई और वापस लौट गई और भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग अजय दुर्ग रहा है.