Rajasthan News: राजस्थान का पूर्वी द्वार कहे जाने वाले जिला भरतपुर ब्रज क्षेत्र कहलाता है. भरतपुर जिले में दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा के साथ ही मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव शुरू हो जाते हैं. लगभग दो महीने अन्नकूट महोत्सव के बाद फिर पौषबड़ा के कार्यक्रम शुरू हो जाता है. आज भरतपुर के नदिया मौहल्ला स्थित गोपाल जी मंदिर पर नवबर्ष के पूर्व दिवस पर पौषबड़ा और संकीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महिला मंडल ने कृष्ण कन्हैया का भजनों के माध्यम से गुणगान किया. इस दौरान गोपाल जी और राधा-रानी को पौषबड़ा का भोग लगाकर भक्तों को वितरित किया गया.


क्या कहना है महंत का


नदिया गोपाल मंदिर के महंत जीतेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि महिला मंडल ने मेरी बिनती यही है राधारानी, कृपा बरसाए रखना. मेरे बांके बिहारी लाल, गोपाल मन रखियो अपने चरणों में, भजनों की प्रस्तुति देकर गोपाल जी और राधारानी के प्रति अपनी आस्था प्रकट की. इसके अलावा बृषभान दुलारी राधारानी का गुणगान करते हुए मयूर नृत्य का भी भाव विभोर चित्रण कर संमा बांध दिया.


उन्होंने मथुरा, वृन्दावन की कुंज गलियों में भगवान श्री कृष्ण और राधा-रानी की अठखेलियों को भजनों के माध्यम से प्रस्तुत कर किया. भगवान श्री कृष्ण द्वारा किये जाने वाले प्रेम को परिभाषित किया. इसके अलावा गोवर्धन की सात कोष की परिक्रमा का वृतांत सुनाकर गिर्राज जी की परिक्रमा कराकर गिर्राज बाबा की परिक्रमा के महत्व की प्रस्तुति दी. इसके बाद विपत्ति काल मे ब्रज बासियों की रक्षा के लिये पर्वत को उंगली पर उठाने की लीला को भी भजनों के जरिये प्रस्तुत किया.


भजनों पर नृत्य की प्रस्तुति दी गई
 
मंदिरों में श्रद्धालुओं ने ब्रज के भजनों पर नृत्य की प्रस्तुति देकर कृष्ण-कन्हैया का आव्हान कर कलयुग में बढ़ रहे पाप को खत्म करने की विनती की. साथ ही नव वर्ष में राज्य और देश मे अमन चैन शांति और खुशहाली बनाये रखने की अरदास लगाई.


इस दौरान गोपाल जी की आरती उतारकर पौषबड़ा का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया. सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने पौषबड़ा आनंद उठाया. इस मौके बीना शर्मा, मीरा गर्ग, बॉबी शर्मा, विजय लक्ष्मी सीमा, प्रियंका, मीरा, नारायण हरि, दीपक लवानिया, शिवकुमार वाशिष्ठ, बच्चू सिंह, लाला पहलवान, लक्ष्मण प्रसाद, कपिल, पवन, राजेश जयजय सहित अन्य भक्तगण  मौजूद रहे.


Rajasthan: रंधावा के लिए आसान नहीं कांग्रेस की उलझी सियासी गुत्थी को सुलझाना, बार-बार क्यों दोहरा रहे एक ही बात?