Bangladeshi Citizen Arrested in Bharatpur: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में सेना की गुप्तचर शाखा ने जिले के भुसावर क्षेत्र से एक बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ने में बड़ी सफलता प्राप्त की है. पकड़ा गया युवक क्रेशर जोन स्थित विनायक क्रेशर में मजदूर के रूप में काम कर रहा था. बांग्लादेशी नागरिक फर्जी तरीके से आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर अपनी पहचान छुपाते हुए क्रेशर पर नौकरी कर रहा था. इसकी सूचना पर पहुंचे भरतपुर मिलिट्री इंटेलिजेंस (Bharatpur Military Intelligence) के अधिकारियों ने पूछताछ करने के दौरान संदिग्ध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक के संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर भुसावर थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया.
मिलिट्री की गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में उसने खुद को रजाउल खान, पुत्र खोखा खान और उम्र 22 साल, निवासी सताबगंज, जिला दिनाजपुर, बांग्लादेश का निवासी होना बताया है. उसने बताया कि करीब 8 साल पहले 13 साल की उम्र में वह आर्थिक हालात खराब होने के कारण भारत बॉर्डर पर एक दलाल के सम्पर्क में आया था, जो बॉर्डर क्रॉस करवाकर दिल्ली लाया. फिर हरियाणा के मेवात क्षेत्र के ताबडू सोना में एक क्रेशर पर मुनीम से 8 या 9 हजार रुपये लेकर उसे उनके हवाले पर छोड़ गया.
एमपी के ग्वालियर में भी रहा चुका है गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक
इसके बाद वह राजस्थान के करौली और मध्य प्रदेश के ग्वालियर आदि जगहों पर क्रेशरों पर कार्य करने के बाद भरतपुर जिले के रुदावल फिर भुसावर क्षेत्र के विनायक स्टोन क्रेशरों पर कार्य करने लगा. बांग्लादेश से आकर अपनी पहचान छुपाकर भुसावर क्षेत्र में रह रहे रजाउल ने प्रारंभिक पूछताछ में मिलिट्री इंटेलिजेंस भरतपुर के अधिकारियों को बताया है कि लगभग सात या आठ महीने पहले भुसावर थाना क्षेत्र के बल्लभगढ़ निवासी दीपक ने आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाने के लिए पांच हजार रुपये लिए थे.
नंबर बदल-बदलकर करता था पिता से बात
उसने बताया कि आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाने के बाद उत्तर प्रदेश का निवासी बताकर मोबाइल का 2 सिम खरीदा. जिनका नम्बर 8955052987 और 8302305233 है. उसके बाद दोनों नंबरों से बदल-बदलकर अपने पिता खोखा खान से बांग्लादेश के मोबाइल नम्बर 8801877465376, दोस्त सोजित के मोबाइल नंबर 8801780357846, बहन जिन्नातुल के मोबाइल नंबर 801325010172 और आलम नामक बांग्लादेशी नागरिक से 801878840942 पर लगातार बात करता रहा.
गुप्तचर शाखा ने तेज की कार्रवाई
बांग्लादेशी रजाउल के पकड़े जाने से सुरक्षा में सेंध की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. उसके पास से आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बरामद हुआ है. साथ ही फोन भी मिला है, जिसमें सिम भारत से जारी की हुई मिली. उसने खुद को लगभग आठ साल से भारत में रहना स्वीकार किया है. फिलहाल सेना की गुप्तचर शाखा ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए अपनी गतिविधियां भी तेज कर दी हैं और जानकारी जुटाई जा रही है कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में किन-किन क्रेशरों पर भारतीय आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए कितने और विदेशी नागरिक रह रहे हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.
क्रेशर मालिक भी संदेह के घेरे में
वहीं जिले के ऐसे मोबाइल टावरों की डिटेल भी खंगाली जा रही है, जिन टावरों से विदेशों में बात की गई है. सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी अब बांग्लादेशी युवक के पास से मिले आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेजों की जांच के साथ-साथ मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर गहनता से जांच में जुट गए हैं. दूसरी तरफ बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए क्रेशर पर कार्य करा रहे क्रेशर मालिक भी संदेह के घेरे में नजर आ रहे हैं. मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ के बाद कभी भी क्रेशर मालिक और रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधार कार्ड-पैन कार्ड बनाने वाले दीपक से पूछताछ कर सकते हैं.
ई-मित्र संचालक और सिम बेचने वालों पर पुलिस की प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण दिनोंदिन हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि जामताड़ा के बाद जिले के मेवात क्षेत्र में मिलिट्री के फर्जी आई कार्ड बनवा कर और सिम निकलवा कर ओएलएक्स के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों से ठगी की जा रही है.
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