Rajasthan News: राजस्थान में स्थित भरतपुर के ब्रज क्षेत्र में दीपावली के बाद गोवर्धन पर्व से ही अन्नकूट प्रसादी के आयोजन शुरू हो जाते है. अन्नकूट आयोजन का क्रम लगभग दो महीने तक चलता रहता है. शहर के और गावों के लगभग सभी मंदिरों में अन्नकूट और छप्पन भोग की झांकी का आयोजन किया जाता है. अन्नकूट की प्रसादी के लिए मुख्य रूप से बाजरा, चावल, कढ़ी, मिक्स सब्जी, खीर, पुआ, पूड़ी और पकौड़ी बनाई जाती है. रविवार को शहर के प्राचीन बांके बिहारी जी के मंदिर पर देव छठ के मौके पर अन्नकूट का आयोजन किया गया. दो साल कोरोना महामारी की वजह से अन्नकूट का आयोजन नहीं हुआ था. इस बार अन्नकूट प्रसादी 25000 लोगों के लिए बनाई गई और हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं को पंगत में बैठाकर प्रसादी ग्रहण कराई गई .


भक्तों की लगी भारी भीड़
अन्नकूट प्रसादी पाने के लिए शहर का जन सैलाब उमड़ पड़ा. भारी भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. अन्नकूट प्रसादी खाने आए लोगों में एक बार तो अन्नकूट का प्रसाद खाने के लिए भगदड़ सी मच गई. जिसमें कई लोग गिर गए, लेकिन अन्नकूट व्यवस्था के लिए श्री बांके बिहारी मंदिर विकास ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने माकूल व्यवस्था की हुई थी, लेकिन लोग एक दूसरे धक्का देकर पहले प्रसादी ग्रहण करने के लिए मशक्कत करते देखे गए. 


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गौरतलब है कि श्री बांके बिहारी जी मंदिर में देव छठ के मौके पर दिवाली के बाद अन्नकूट प्रसादी का बड़े स्तर पर आयोजन होता है. पिछले दो वर्ष कोरोना महामारी की वजह से अन्नकूट का आयोजन नहीं कर पाए थे. बांके बिहारी मंदिर में अन्नकूट प्रसादी खाने के लिए कई हजार लोगों की भीड़ एकजुट होती हैं. अन्नकूट महोत्सव के दौरान पुलिस व्यवस्था के खास इंतजाम किए जाते हैं. आज भी पुलिस की व्यवस्था की गई है, लेकिन जैसे ही अन्नकूट प्रसादी के लिए आह्वान किया गया तो हजारों की संख्या में इकट्ठे भीड़ अन्नकूट खाने के लिए एक साथ दौड़ पड़े और भगदड़ सी मच गई कई लोग धक्का लगने से गिर भी गए.


क्या कहना है ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश कुमार सिंघल का ?
श्री बांके बिहारी मंदिर विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश कुमार सिंघल ने बताया है कि आज ठाकुर जी के प्रांगण में हर वर्ष की भांति दीपावली के बाद जो छठ आती है, उस पर अन्नकूट महोत्सव बांके बिहारी मंदिर विकास ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. मंदिर के प्रांगण में 25,000 लोगों की बैठकर प्रसादी ग्रहण करने की व्यवस्था की गई है. एक बार में लगभग 1200 श्रद्धालु बैठकर प्रसादी ग्रहण कर सकते हैं. पूरे भरतपुर शहर के श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण करने बांके बिहारी मंदिर पहुंचते हैं.