Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर के रुदावल थाना क्षेत्र के नयावास गांव के रहने वाले बीएसएफ जवान को 30 वर्ष बाद शहीद का दर्जा मिला. बीएसएफ जवान ब्रिजेन्द्र सिंह जम्मू कश्मीर में 1992 में एक आतंकी हमले का शिकार हुए थे जहां उनकी मौत हो गई थी. गौरतलब है कि पैरा मिलिट्री फोर्स में पहले शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता था लेकिन अब बीएसएफ में शहीद का दर्जा दिया जाने लगा. उसी के तहत मथुरा (Mathura) में बीएसएफ की यूनिट के डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार शहीद ब्रिजेन्द्र के गांव नयावास पहुंचे और शहीद की वीरांगना इंद्रा देवी को शहीद सम्मान पत्र सौपा. साथ ही वीरांगना को आश्वाशन दिया कि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो तो बताए हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने वीरांगना को बताया कि ब्रिजेन्द्र सिंह को शहीद का दर्जा मिलने से क्या-क्या सुविधा मिलेगी .
 
1992 में हुए थे शहीद


मथुरा से आये डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार ने बताया कि नयावास निवासी ब्रिजेन्द्र सिंह बीएसएफ की 153वीं वाहिनी में कार्यरत था. 1992 में जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी थी लेकिन अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों को पहले शहीद का दर्जा नहीं मिलता था अब बीएसएफ के जवानों को शहीद का दर्जा मिलने लगा है. इसलिए शहीदों के घर जाकर सम्मान के साथ उनकी वीरांगनाओं को शहीद सम्मान पत्र दिया जा रहा है. ब्रिजेन्द्र सिंह की वीरांगना इंद्रा देवी को जब शहीद सम्मान पत्र सौपा तो वीरांगना अपने आंसू नहीं रोक पाई .


मथुरा से आए बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार ने बताया कि ब्रिजेन्द्र सिंह को शहीद का दर्जा मिलने से अन्य काफी सुविधाएं भी मिलेंगी. शहीद के लिए सरकार द्वारा शहीद के एक आश्रित को सरकारी नौकरी, शहीद की वीरांगना को पेंशन और 50-60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके अलावा 4 हजार वर्गफुट मकान बनाने के लिए सीमेंट और राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पंप और मेडिकल एमबीबीएस और आईआईटी में आश्रित के लिए रिजर्व कोटा का लाभ भी शहीद के आश्रित को मिलता है .  


भरतपुर में BSF के 4 जवानों को मिलेगा दर्जा


वीरांगना इंद्रा देवी ने कहा कि मुझे अपने पति की शहादत पर गर्व है. मेरे पति ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपनी शहादत दी. भरतपुर में बीएसएफ के 4 जवानों को अब शहीद का दर्जा मिलेगा. इससे पहले मई में भरतपुर शहर निवासी 52वीं बटालियन के वीरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा मिल चुका है. उनकी वीरांगना सुमन देवी को शहीद सम्मान पत्र दिया गया. वीरेंद्र सिंह वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जम्मू कश्मीर में वीरगति को प्राप्त हुए थे.


डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार के मुताबिक जिले के 2 और शहीदों के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाए गए हैं. इस मौके पर बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट के साथ निरीक्षक राजकुमार, खेरिया मोड़ पुलिस चौकी प्रभारी ज्ञानसिंह, सरपंच प्रतिनिधि भौंरयालाल पाराशर, मानसिंह, मोहरसिंह, शिवराम, जीवनसिंह, मनोहरी, रघुनाथ, ब्रदी मीणा, रेवतीप्रसाद, प्रेम आदि मौजूद रहे.


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