Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक दिवसीय भरतपुर दौरे पर पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर जमकर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने चिरंजीवी योजना के प्रचार पर पानी की तरह पैसा बहाया. उसका फायदा प्रदेश की जनता को बड़े पैमाने पर नहीं मिला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में 25 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार ने योजना में दूसरे राज्यों की सर्वोत्तम पद्धतियों को शामिल कर प्रभावी बनाया है. योजना में कैंसर जैसी योजना के लिए पैकेज है. बच्चों की बीमारियों के लिए भी इलाज का पैकेज है. राजस्थान आने वाले अन्य राज्यों के मरीजों का भी प्रावधान है. प्रदेश के 1800 से ज्यादा हॉस्पिटल को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से जोड़ा गया है. किडनी, लीवर, हार्ट के रोगों का भी इलाज किया जा रहा है. टीकाकरण प्रोग्राम में 13 लाख से ज्यादा बच्चे रजिस्टर्ड हो चुके हैं.


PM के कार्यक्रम में शामिल हुए CM 


बता दें कि पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री भरतपुर मंगलवार को आये थे. पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से आरबीएम हॉस्पिटल में आयुष्यमान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास किया.


कार्यक्रम में में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र खींवसर, डीग कुम्हेर विधायक शैलेश सिंह, वैर भुसावर विधायक बहादुर सिंह कोली, बयाना विधायक ऋतु बनावत भरतपुर विधायक सुभाष गर्ग मौजूद रहे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने अस्पताल के ओपीडी की पर्चियों पर हेल्पलाइन नंबर देना शुरू किया है. महंगी दवाओं की चिंता से मुक्ति के लिए जन औषधि केंद्र खोले गए हैं.




उन्होंने लोगों को पंचोत्सव की शुभकामना दी. भरतपुर में काफी लंबे समय से क्रिटिकल केयर ब्लॉक की मांग उठायी जा रही थी. कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री सर्किट हाउस पहुंचे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का हेलिकॉप्टर दोपहर राजकीय कॉलेज के ग्राउंड स्थित हेलिपैड पर दोपहर 12 बजे उतरा. कॉलेज से निकलकर मुख्यमंत्री आरबीएम हॉस्पिटल परिसर पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले हॉस्पिटल में धन्वंतरि की तस्वीर के आगे दीपक जलाये. आरबीएम हॉस्पिटल से मुख्यमंत्री का काफिला अटारी गांव पहुंचा. विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत के बाद मुख्यमंत्री जयुपर रवाना हो गए. 


क्या है क्रिटिकल केयर की खासियत?


कोरोना काल में क्रिटिकल केयर की जरूरत महसूस हुई थी. कोरोना मरीजों के साथ अन्य रोगियों को भी अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा था. इसलिए क्रिटिकल केयर की जरुरत महसूस हुई कि क्रिटिकल केयर की सुविधा होने पर इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इलाज मिल सकेगा. 


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