Bharatpur News: राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन थाना क्षेत्र के सिकंदपुर गांव गांव क के रहने वाले संजय जाटव का 10 वर्षीय बालक केशव अपनी मां के साथ खेत पर गया था. खेत पर खरपतवार को साफ करवा रहा था, उसी दौरान उसे सांप ने डस लिया. सांप के डसने के बाद केशव बेहोश हो गया. बच्चे के बेहोश हो जाने के बाद परिजन उशे बेहोशी की हालत में ही गांव के एक भोपे के पास ले गए.
भोपे केशव पर लगभग 4 घंटे तक झाड़-फूंक करता रहा, लेकिन बच्चे को होश नहीं आया. जब सबकुछ विफल होता दिखा, तब जाकर परिजन रात 10.00 बजे बच्चे को हिंडौन के निजी अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टर ने हालत देख कर हाथ खड़े कर दिए और कहीं और ले जाने की सलाह दी.
झाड़-फूंक से नहीं हुआ फायदा तो सरकारी अस्पताल ले गए परिजन
इसके बाद देर रात 12.00 बजे परिजन फिर केशव को हिंडौन के छान बनेगा गांव में तांत्रिक के पास लेकर पहुंचे और फिर नीम के पत्तों में लपेट कर तांत्रिक क्रियाओं के जरिए उसका इलाज शुरू किया गया. सुबह तक तांत्रिक झाड़-फूंक करता रहा, लेकिन केशव को होश नहीं आया. इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर भरतपुर जिले के बयाना कस्बे के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर का कहना था कि केशव की मौत रात में ही हो गई थी.
केशव पांचवीं क्लास में पढ़ता था और उसका पूरा परिवार खेती करके ही जीवन यापन करता है. केशव भी अपनी मां के साथ खेत पर काम करने चला गया था. उसी दौरान उसको सांप ने डस लिया और यह हादसा हो गया.
तांत्रिक-ओझा के चक्कर काटते रहे परिजन
केशव को जिस वक्त सांप ने डसा था, उसी समय परिजन अगर उसे अस्पताल ले जाते, तो शायद बच्चे को बचाया जा सकता था. केशव के परिजन रात भर तांत्रिक-ओझा की झाड़-फूंक में उलझे रहे और बालक की मौत हो गई. बयाना में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद भी परिजनों को विश्वास नहीं हुआ. हिंडौन के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ने जांच कर बच्चे को मृत घोषित कर दिया और शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया.
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