Bharatpur News Today: राजस्थान के भरतपुर शहर में जिन लोगों को नगर निगम ने उनके मकानों का पट्टा नहीं दिया है, उन लोगों ने नगर निगम आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कच्चा परकोटा के रहने वाले लोगों ने निगम आयुक्त के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नगर निगम से कलेक्ट्रेट तक दण्डवत परिक्रमा किया. 


कच्चा परकोटा संघर्ष समिति के संरक्षक इंद्रजीत भारद्वाज ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 14 अगस्त तक पट्टे के कागजात नहीं दिए गए, तो 15 अगस्त को झंडारोहण करने के बाद उसी तिरंगे के नीचे न्याय यात्रा निकालेंगे और पैदल सभी लोग जयपुर मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए कूच करेंगे. 


कच्चा परकोटा संघर्ष समिति का गंभीर आरोप
कच्चा परकोटा के रहने वाले लोगों ने नगर निगम आयुक्त पर आरोप लगाया है कि आयुक्त अपना ट्रांसफर करवाना चाहते हैं, इसलिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए पट्टा जारी नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा पूर्व आयुक्त कमल राम मीणा पर हाईकोर्ट में फर्जी एफिडेविट देने का आरोप भी लगाया.


इस दौरान कच्चा परकोटा संघर्ष समिति के संरक्षक और नगर निगम के पूर्व पार्षद इंद्रजीत भारद्वाज ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 12 जुलाई 2024 को नगर निगम आयुक्त को आदेश जारी किया था. इसके तहत पट्टा अभियान के दौरान जिन पत्रावलियों में पट्टा शुल्क जमा हो गया है, उन लोगों को 10 अगस्त 2024 तक पट्टे देने की कार्रवाई पूरी करने को कहा गया है. 


दण्डवत परिक्रमा कर जताया विरोध
पूर्व पार्षद इंद्रजीत भारद्वाज ने बताया इस आदेश में यह भी कहा गया है कि उन लोगों से अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा. दूसरे आदेश में बताया गया है कि अभियान के दौरान जो पत्रावली आई है, उनमें अगर शुल्क जमा नहीं हुआ है तो वर्तमान आदेश पर उसमें कार्रवाई करते हुए राशि लेकर इनका निस्तारण करने की कार्रवाई 10 अगस्त तक की जाए.


कच्चा डंडा पर पट्टे की मांग कर रहे लोगों ने दण्डवत परिक्रमा करते हुए नगर निगम से कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां सभी ने जिला कलेक्टर को अपनी परेशानियों से अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कच्चा परकोटा के लोगों को पट्टा नहीं दिया गया तो 15 अगस्त को भरतपुर से जयपुर के लिए सभी का कूच करेंगे. 


ASI ने नगर निगम को दी ये सलाह
प्रदर्शन कर रहे लोगों आरोप लगाया कि नगर निगम के आयुक्त ने अपने ट्रांसफर का दबाव राजस्थान सरकार पर बनाने के लिए जनता के हितों को दरकिनार कर दिया. उन्होंने कच्चे डंडे पर एक भी मकान के पट्टे देने की कार्रवाई नहीं पूरी की है. जबकि आखिरी तारीख में सिर्फ 4 दिन बचे हैं. 


आयुक्त का जिक्र करते हुए लोगों ने बताया कि नगर निगम ने पुरातत्व विभाग (ASI) से मार्गदर्शन मांगा था. जिसमें पुरातत्व विभाग ने यह कहा कि 16 जून 1992 से पहले का कोई मकान बना हुआ है तो उसे पट्टा दिया जा सकता है. ऐसे लोगों से सितंबर 2023 में पट्टा शुल्क जमा करवा लिया गया, लेकिन उन्हें अभी तक पट्टा नहीं दिया गया है. 


'पूर्व आयुक्त ने दिया हाईकोर्ट में झूठा एफिडेविट'
गोवर्धन गेट से लेकर सहयोग नगर तक डंडे की जमीन को पूर्व आयुक्त कमल राम मीणा ने जल डूब की जमीन बताते हुए हाईकोर्ट को झूठा एफिडेविट दिया. जब इस मामले की जांच करवाई गई, तो तहसीलदार भरतपुर ने बताया कि यह खसरा नंबर गलत अंकित हो गया है, यह भूमि जल डूब की नहीं बल्कि आबादी की जमीन है. 


प्रशासन से सवाल करते हुए लोगों ने पूछा कि उन लोगों से पट्टा शुल्क जमा करवा लिया गया, तो उन्हें पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा? प्रदर्शन करने वाले लोगों ने जिला कलेक्टर को अपनी परेशानी बताई और ऐसा न करने पर जयपुर कूच करने की चेतावनी दी.   


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