Rajasthan News: भरतपुर कलेक्टर आलोक रंजन आज शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिए. तुहिया गांव में कलेक्टर स्कूल के औचक निरीक्षण पर निकले थे. राजकीय स्कूल में अचानक पहुंच कर उन्होंने बाल गोपाल और यूनिफार्म वितरण योजना की छात्रों से जानकारी ली. उन्होंने 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं से संवाद कर स्कूल में पढ़ाये जा रहे विषयों को जाना. कलेक्टर ने स्कूल में मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले पोषाहार की भी जानकारी ली और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने महिला रसोइयों को भोजन पकाते समय साफ-सफाई और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया.  


निरीक्षण के क्रम में कचरे का ढेर नजर आने पर कलेक्टर ने प्रधानाचार्य को साफ-सफाई कराने और स्कूल में कचरा पात्र लगवाने के निर्देश दिये. क्लास में रोशनी की कमी को भी कलेक्टर ने संज्ञान में लिया. छात्रों से संवाद के दौरान दौरान खुलासा हुआ कि स्कूल में शिक्षा का स्तर कमजोर है. कलेक्टर ने प्रधानाचार्य को स्कूल की शिक्षा का स्तर सुधारने का भी निर्देश दिया. 




शिक्षक की भूमिका में नजर आये कलेक्टर 


कलेक्टर आलोक रंजन लगभग आधा घंटा स्कूल में रुके. उन्होंने छात्र-छात्राओं को ब्लैक बोर्ड पर खड़े होकर शिक्षक की तरह भूगोल विषय को पढ़ाया और समझाया. उन्होंने छात्र- छात्राओं से सवाल जवाब भी किए. उन्होंने स्कूल में पानी की उपलब्धता और शौचालयों के बारे में भी जानकारी ली. छात्र-छात्राओं ने शौचालयों में साफ सफाई और स्कूल परिसर में वर्षाजल भराव की शिकायत की. कलेक्टर ने प्रधानाचार्य को पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ शौचालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा. 




पढ़ाई का स्तर सुधारने पर करना होगा काम 


जिला कलेक्टर ने बताया है कि तुहिया गांव के राजकीय स्कूल में लगभग 158 बच्चे हैं. ड्रेस का कपड़ा लगभग सभी बच्चों को मिल गया है. सिलाई की राशि ट्रांसफर करने में आधार कार्ड को लिंक करने की परेशानी आ रही है. स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का स्तर भी सुधारने की जरूरत है. 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधारने की ज्यादा जरूरत है और हम सभी मिलकर काम करेंगे.  


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