Rajasthan News: राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्रियों से लेकर अधिकारियों की जनसुनवाई चलती रहती है. जयपुर के कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों द्वारा जनसुनवाई करने के कई बार कार्यक्रम बनाए गए, लेकिन इतनी जनसुनवाई के बाद भी लोगों की समस्या का हल नहीं हो रहा है. भरतपुर जिले में भी समय-समय पर संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और जिले से चार मंत्री भी जनसुनवाई करते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता है. परेशान लोग अधिकारियों  के कार्यालय के चक्कर लगा कर बैठ जाते हैं. 


जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में देखा अजब नजारा 
17 नवंबर को भरतपुर जिला कलेक्टर की जनसुनवाई थी. जिला कलेक्टर आलोक रंजन राजीव गांधी सेवा केंद्र में जनसुनवाई कर रहे थे. इस दौरान कई लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे. जनसुनवाई के समय एक व्यक्ति ने जिला कलेक्टर को फूलों का गुलदस्ता देते हुए कहा की आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपने हमारी समस्या का समाधान नहीं किया. जानकारी के अनुसार दीपक राज नामक व्यक्ति सेवर थाना इलाके की शास्त्री नगर कॉलोनी का रहने वाला है. दीपक राज ने बताया कि उनके घर के बाहर से जाने वाली सड़क पर जलभराव की समस्या है, क्योंकि उसी कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति ने आगे वाले घर के सड़क पर मोरम डाल रखी है जिसके कारण सड़क पर पानी भरा हुआ है. अब वह गंदा पानी कीचड़ में तब्दील हो गया है. जिसके कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. बच्चे स्कूल जाते समय कीचड़ में गिर जाते हैं. अगर आसपास के लोग भी घर से बाहर निकलते हैं तो उनके वाहन कीचड़ की वजह से फिसल जाते हैं. गंदगी एक कारण इलाके में मच्छरों का प्रकोप है. जिले में डेंगू फ़ैल रहा है ऐसे में अब उन्हें अपने परिवार की भी चिंता हो रही है.




पहले भी कई जगह की है शिकायत 
दीपक राज ने बताया कि उसने पहले भी कई जगह शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. समस्या जस की तस बनी है. दीपक राज ने बताया कि उन्होंने 8 फरवरी को नगर निगम और अतिरिक्त जिला कलेक्टर से शिकायत की थी. उसके बाद उन्होंने 14 अक्टूबर को उन्होंने यूआईटी में जाकर शिकायत की थी. 19 अक्टूबर को जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में जाकर शिकायत की थी. कई बार सीएम पोर्टल भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई.  बार-बार शिकायत करने से तंग आकर दीपक राज ने गुरुवार को फैसला किया कि आज कलेक्टर की जनसुनवाई में जायेंगे और उनका काम नहीं होने पर कलेक्टर को एक गुलदस्ता देकर उनका धन्यवाद करेंगे. जनसुनवाई में जाकर जिला कलेक्टर आलोक रंजन को गुलदस्ता भेंट कर उनका धन्यवाद किया कि आप मेरी शिकायत को वापस दे दो. समस्या को कोई समाधान नहीं हुआ है. 


क्या कहना है दीपक राज की पत्नी का 
दीपक राज की पत्नी नीतू ने बताया की, जब वह सड़क पर मोरम डालने वाले परिवार से उसे हटाने के लिए कहते तो वह लोग झगड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. कई बार शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उनकी प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा. वह अब घर बेचकर जाने की सोच रहे हैं. दबंग परिवार द्वारा सड़क पर डाली गई मोरम की वजह से पानी रुका हुआ है. अगर उसे हटा दिया जाए तो पानी की निकासी हो जाये और सभी को जलभराव से मुक्ति मिल सके.


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