Bharatpur Crime: दो साल पहले नाबालिग के घर में घुसकर किया था रेप, अब मिला इंसाफ, दोषियों को हुई 10 साल सजा
Bharatpur Crime: सितंबर 2020 की एक देर रात दोषी नाबालिग के घर में घुसे और घिनौनी वारदात को अंजाम दिया. पीड़िता ने रोते-रोते अपने पिता को बताया कि अब वह किसी को मुंह नहीं दिखा सकती और सुसाइड कर लिया.
Bharatpur Crime: राजस्थान के धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने साल 2020 में दर्ज हुए नाबालिग रेप केस में एक बड़ा फैसला सुनाया है. बसेड़ी थाना इलाके में साल 16 साल की नाबालिग ने रेप के बाद आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी मानते हुए 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 60-60 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है. पॉक्सो कोर्ट के जस्टिस जमीर हुसैन ने सजा सुनाते हुए मुल्जिम बंटी उर्फ़ मनोज और हरिकेश को धारा 457 और 306 में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है.
स्पेशल कोर्ट पॉक्सो एक्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने जानकारी दी कि मामला धौलपुर जिले के बसेड़ी थाना इलाके का है. वहां एक परिवादी ने बसेड़ी थाने में केस दर्ज कराया. तहरीर में बताया गया कि 21 सितंबर 2020 की आधी रात को वह घर के बाहर सो रहा था. तभी घर के अंदर कमरे में से रोने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं. जब उसने जाकर देखा तो बंटी उर्फ मनोज और हरिकेश कमरे से बाहर भागते हुए दिखाई दिए.
आधी रात में बच्ची के घर में घुसकर किया रेप
लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि उसकी बेटी ने उससे रोते हुए कहा कि दोनों मुल्जिमों ने उसके साथ बुरा काम किया है और अब वह मुंह दिखाने लायक नहीं रही. इसके बाद बेटी ने आत्महत्या कर ली. घटनास्थल से आरोपी बंटी और हरिकेश को परिजनों ने पकड़ने की कोशिश की, लेकन हरिकेश फरार होने में कामयाब रहा. पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और जांच भी शुरू कर दी.
आरोपी की धड़पकड़ में पुलिस को सफलता मिली और हरिकेश को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद दोनों आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे थे.
न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
एडवोकेट मिश्रा ने बताया कि केस में जस्टिस जमीर हुसैन ने सोमवार को आरोपी बंटी, पुत्र पोथीराम और हरिकेश, पुत्र दीवान सिंह को धारा 457 और 306 में दोषी करार दिया है. धारा 306 के तहत दोनों दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा, दोनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगा है. इसके साथ ही, आईपीसी की धारा 457 में 5-5 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी.
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