Bharatpur News: एक ग्राहक की शिकायत से जन्मी भरतपुर की वर्ल्ड फेमस गजक! मुंह में रखते ही घुल जाती है, जानें 60 साल का इतिहास
Bharatpur World Famous Gajak: देश में कई जगह गजक बनती है. सभी जगह इसे बनाने का तरीका और स्वाद अलग होता है. भरतपुर की गजक ऐसी है जिसका स्वाद बिना दांत वाले भी भरपूर ले सकते हैं.
Bharatpur Special Gajak: राजस्थान के भरतपुर जिले की कुटैमा गजक का स्वाद देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान रखता है. देश में कई जगह गजक बनती है. सभी जगह गजक बनाने का तरीका और स्वाद अलग-अलग होता है. भरतपुर की गजक भी ऐसी गजक है जो मुंह में रखते ही घुल जाती है. बिना दांत वाले भी गजक का भरपूर स्वाद ले सकते हैं.
सर्दी का मौसम शुरू होते ही उत्तर भारत में गजक का कारोबार शुरू हो जाता है. उत्तर भारत के आगरा, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, रोहतक, दिल्ली, पाली, बीकानेर, भरतपुर में गजक का करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. गजक के कारोबार से लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है.
भरतपुर शहर में कुटैमा गजक कई जगह तैयार की जाती है. भरतपुर की मशहूर आनंद स्वरूप मुकेश कुमार गजक वाले ने बताया है कि गजक को बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ की चासनी तैयार की जाती है. उसे बाद गरम-गरम चाशनी को एक खूंटी पर लटका कर खींचा जाता है. उसके बाद इसमें तिल मिलकर जमकर इसकी कुटाई की जाती है और गोल-गोल टिक्की तैयार की जाती है. भरतपुर में तैयार की गई गजक बहुत ही सॉफ्ट होती है गजक किटिक्की उठाने से ही टूट जाती है और गजक का टुकड़ा मुंह में डालते ही घुल जाता है. भरतपुर की गज का स्वाद बिना दांत वाले भी भरपूर लेते हैं.
भरतपुर की कुटैमा गजक बनाने का आइडिया भी ग्राहक की शिकायत के बाद आया था. बताया जाता है कि लगभग 60 साल पहले आनंद स्वरूप गुड़ और तिल की साधारण से गजक बनाकर बेचा करते थे. किसी ग्राहक ने शिकायत की थी की उनकी दांत में गजक का तिल फंस गया है और गजक का स्वाद खराब कर दिया है. गजक बनाने वाले आनंद स्वरूप ने तभी से गजक को कुटैमा बनाना शुरू कर दिया कि न तो तिल साबुत रहेंगे और न ही किसी के दांतों में फसेंगे. तभी से यह कुटैमा गजक बनती आ रही है. लकड़ी के हतौड़े से कूट-कूट कर गजक को तैयार किया जाता है.
14 तरह की गजक उपलब्ध बाजार में
बाजार में लगभग 14 तरह की गजक उपलब्ध है गजक बनाने वाले कारीगर नए - नए प्रयोग कर नई तरह की गजक बना रहे है. भरतपुर म सुपर शाही गजक जिसमे तिल की मात्रा से अधिक बादाम ,केसर ,पिस्ता को मिलकर कूटा जाता है इसके अलावा अलसी की गजक ,शुगर फ्री गजक ,मूंगफली की गजक, ड्राईफ्रूट की गजक, केसरबाटी, पट्टी की गजक तैयार की जाती है. उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फर नगर से गुड़ मंगवाया जाता है.
सर्दी शुरू होते ही गजक का हो जाता है कारोबार शुरू नवम्बर माह में सुबह शाम को हलकी सर्दी शुरू हो जाती है. सर्दी शुरू होते ही गजक की बिक्री में बढ़ोतरी हो जाती है. भरतपुर की कुटैमा गजक कई देशो में भेजी जाती है. भरतपुर से कुटैमा गजक को इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब,पाकिस्तान, कनाडा, अमेरिका में भेजा जाता है. देश में भी कई राज्यों से भरतपुर की कुटैमा गजक की डिमांड खूब रहती है.
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