Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर में दोबारा आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज ने प्रदर्शन का एलान किया है. भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग ओबीसी श्रेणी से लगातार आरक्षण की मांग कर रहा है. इसी क्रम में एक बार फिर इन दो जिलों के जाट समाज के लोगों ने केंद्र में जाट आरक्षण की मांग लेकर भरतपुर के उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचौली रेलवे स्टेशन के पास 17 जनवरी से महापड़ाव शुरू होने जा रहा है.
जोरशोर महापड़ाव की तैयारी शुरू
महापड़ाव स्थल पर तैयारियों का जायजा लेने के लिए विगत बुधवार (10 जनवरी) को भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य पहुंचे. इस दौरान भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार भी मौके पर पहुंचे. इस महापड़ाव को लेकर कई गांव में जोरशोर से तैयारियां हो रही हैं, जबकि महापड़ाव स्थल पर भोजन और पानी के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है.
विश्वेंद्र सिंह ने सरकार को दी चेतावनी
डीग जिले के आखोली गांव में दो दिवसीय जिकड़ी भजन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. भजन जिकड़ी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा "केंद्र में अन्य जिलों की तरह भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के नौजवानों के भविष्य के लिए ओबीसी का आरक्षण जरूरी है. " विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि "मुझे आरक्षण की जरूरत नहीं है, लेकिन हमारे युवाओं के साथ जो अन्याय हो रहा है उसको किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे.
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "सरकार हमारी समझदारी को कमजोरी ना समझे. साल 2017 में भी बीजेपी की सरकार भरतपुर-धौलपुर के जाटों का आंदोलन देख चुकी है. हम नहीं चाहते कि उसकी पुनरावृत्ति हो." अपनी मांगों के लेकर उन्होंने आगे कहा कि इस लिए जल्दी से जल्दी केंद्र में भी भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिया जाये.
गांधीवादी तरीके से होगा महापड़ाव
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार अन्य सदस्यों के साथ महापड़ाव स्थल पर पहुंचे. महापड़ाव स्थल जयचोली रेलवे स्टेशन के पास अवलोकन करने के बाद नेम सिंह फौजदार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा "17 जनवरी को जयचोली गांव में महापड़ाव शुरू किया जाएगा. "
नेम सिंह फौजदार ने कहा कि "ये महापड़ाव पहले गांधीवादी तरीके से होगा." उन्होंने कहा कि "साल 2017 की तरह जाट समाज द्वारा पूरे जिले में जगह-जगह धरना शुरू किए जाएंगे. उसके बावजूद भी अगर सरकार ने हमारी मांग को गंभीरता से नहीं लिया, तो मजबूरी में हमें रेल की पटरी और सड़क पर उतरना पड़ेगा. इसके लिए हम रेल भी रोकेंगे और सड़क भी जाम करेंगे."
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