Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जिलों के जाट समाज के लोगों का केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर महापड़ाव जारी है. यह महापड़ाव आंदोलन भरतपुर जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के गांव जयचोली में हो रहा है. जाट आरक्षण समिति ने 7 जनवरी को एक महापंचायत कर सरकार को 10 दिन का समय दिया था. राज्य सरकार की तरफ से 4 सदस्यीय कमेटी का गठन कर जाट आरक्षण संघर्ष समिति से वार्ता की जा रही है. मंगलवार (23 जनवरी) को जाट आरक्षण संघर्ष समिति के साथ मुख्यमंत्री की वार्ता होनी है.
जाट आरक्षण आंदोलन को देखते हुए सरकार ने भरतपुर के उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली रेलवे स्टेशन पर और गांव में महापड़ाव स्थल के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. विगत 17 जनवरी से जाट समाज ने मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग से करीब 300 मीटर की दूरी पर महापड़ाव शुरू किया है. आंदोलनकारियों ने मांगें नहीं मानने पर सभी रेलवे मार्ग और सड़कों को जल्द ही जाम करने की चेतावनी दी है. महापड़ाव स्थल पर आंदोलनकारियों के लिए खाने-पीने और ठण्ड से बचने के लिए इंतजामात किए गए हैं. जाट आंदोलन को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग पर रेलवे पुलिस बल तैनात किया गया है.
आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार को चेतावनी
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में ओबीसीआरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के लोगों ने व्यापक आंदोल करने का बिगुल बजा चुके हैं. 17 जनवरी से महापड़ाव जारी है और उसके बाद सरकार के निमंत्रण पर आरक्षण संघर्ष कमेटी के 11 सदस्य और सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय कमिटी के बीच जयपुर में वार्ता चल रही है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ भी जाट आरक्षण संघर्ष समिति की वार्ता हो रही है. आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को 2 दिन का समय दिया है. समिति ने सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने दो दिन के अंदर अगर जाट आरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी नहीं किया तो उग्र आंदोलन जारी किया जाएगा.
केंद्र में 7 साल हो रही आरक्षण की मांग
सरकार और आंदोलनकारियों के बीच जयपुर में वार्ता हो रही है, लेकिन महापड़ाव जारी है. जाट आंदोलकारी पहले ही आह्वान कर चुके हैं कि उन्हें आरक्षण से कम कुछ मंजूर नहीं है. केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ भरतपुर और धौलपुर जाट समाज के लोगों को छोड़कर, राजस्थान के सभी जिलों के लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. इन दोनों जिलों के जाटों का आरक्षण राज्य से खत्म कर दिया गया था, लेकिन आंदोलन के बाद ओबीसी आयोग की स्थापना की गई थी.
ओबीसी आयोग की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने दोनों जिलों के जाट समाज को राज्य में 2017 में आरक्षण देने का प्रावधान किया था. हालांकि उनको ये लाभ केंद्र सरकार में नहीं मिला. केंद्र में भी ओबीसी आरक्षण की मांग जाट समाज के लोग पिछले सात सालों से कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है.
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