Rajasthan News: भरतपुर और धौलपुर जिले का जाट समाज प्रदेश की तर्ज पर केंद्र में भी ओबीसी (OBC) आरक्षण मांग रहा है. इस मांग को लेकर  25 दिन से भरतपुर के उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली में महापड़ाव भी चल रहा है. राज्य सरकार से जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार के नेतृत्व में वार्ता होने के बाद एक बार दिल्ली में भी केंद्रीय मंत्री के साथ वार्ता हो गई है. अब 13 फरवरी को फिर वार्ता होगी. इसमें राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी और केंद्रीय मंत्रियों के साथ जाट आरक्षण संघर्ष समिति बातचीत करेगी.


शनिवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने मिलकर इस आंदोलन पर पत्रकार वार्ता की. इस दौरान विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र में भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर कुछ दिनों से आंदोलन चल रहा है.  इस दौरान कई गलतफहमियां हुई हैं, लेकिन मैं उनको नकारता हूं. हम सभी का एक ही उद्देश्य है कि राजस्थान के डीग, भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में भी ओबीसी आरक्षण मिले.


पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने क्या कहा
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा "जाट आरक्षण को लेकर संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने मेरे पास आकर मुझसे राय मांगी है. मैंने अपनी यही राय दी है कि जाट समाज के सभी लोग मिलकर आरक्षण की लड़ाई लड़ें. यदि हमारी मांग पूरी नहीं की जाती है, तो मैं खुद जयचौली जाकर पड़ाव को बढ़ाऊंगा, लेकिन यदि मांग पूरी होती है, तो मैं खुद महापड़ाव को खत्म कर आऊंगा. साल 2017 में जब भरतपुर-धौलपुर के जाटों को राज्य में आरक्षण दिलाया था, तो भरतपुर में पूर्ण रूप से चक्का जाम कर दिया था."


साल 2017 में भी हुआ था बड़ा आंदोलन
उन्होंने कहा कि नेम सिंह को आंदोलन का अनुभव है, लेकिन अब ऐसी नौबत नहीं आए क्योंकि, बीजेपी की सरकार राजस्थान में भी है और केंद्र में भी है. मैंने नेम सिंह को अपना साफा पहनाया है, जिसे पिछले साल मैने गणतंत्र दिवस की सलामी के लिए पहना था. यह विजय का साफा है और निश्चित रूप से जो लोग जो भी जा रहे हैं, उनको विजय प्राप्त होगी और खुशखबरी लेकर आएंगे. जब तक मैं हूं जाट समाज एक है और एक ही रहेगा.


वहीं जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने कहा कि भरतपुर और धौलपुर के जाट आरक्षण को लेकर 2017 में बड़ा आंदोलन हुआ था. उन्होंने कहा कि उस समय मै संयोजक था और विश्वेन्द्र सिंह संरक्षक थे. वो अब भी हैं और आगे भी रहेंगे. विश्वेन्द्र सिंह का सम्मान पूरे उत्तर भारत में है. जाट समाज एक था एक है और एक रहेगा. विश्वेन्द्र सिंह का आशीर्वाद सभी के ऊपर रहा है. उनके आशीर्वाद से हम अपनी आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं. जो आंदोलन आज चल रहा है, वह विश्वेन्द्र सिंह के निर्देश पर ही शुरू हुआ था. वो ही आरक्षण मिलने के बाद पड़ाव का समापन कराएंगे.


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