क्यों की सरसों की फसल को पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती है. किसानों की गेहूं और सरसों की फसल खेतों से कटकर साफ होकर मंडी में बिकने को तैयार है. किसान अपनी फसल को मंडी में बेचने के लिए आ रहे है मगर राजफेड द्वारा अभी तक सरसों और गेहूं की खरीद शुरू नहीं की गयी है.
समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की गई है
समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से कम कीमत में बेचने को मजबूर सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद शुरू नहीं होने की वजह से किसानों को बाजार में फसल को कम कीमत में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा सरसों खरीद का समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है और गेहूं का समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय है मगर अभी तक समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि दो या तीन दिन बाद खरीद शुरू हो सकती है.