Female Nursing Staff Protest: राजस्थान (Rajasthan) में महिला नर्सिंग कर्मचारियों का 1 मई से तीन मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है, लेकिन सरकार द्वारा उनसे कोई वार्ता नहीं की जा रही है. न ही उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. महिला नर्सिंग कर्मचारी ग्रेड पे को 2800 से 3600 करने, पदनाम बदलने और सरकार द्वारा जो पोस्ट खत्म की गई है उनको दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर कर रही हैं.
राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) में भी स्वास्थ्य विभाग में तैनात महिला नर्सिंग कर्मचार 1 मई से ही हड़ताल पर हैं. आज उनको 22 दिन पूरे हो चुके हैं. कुछ दिन पहले धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए धरना स्थल पर हवन और हनुमान चालीसा का पाठ किया और भगवान से प्रार्थना की. सरकार ने तब भी नहीं सुनी, तो कर्मचारियों ने भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार को जगाने का काम किया. इसके बाबजूद अभी तक सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी है. वहीं आज कर्मचारियों ने धरनास्थल पर थाली बजाकर अपना विरोध जताया.
मिनी सचिवालय की सड़क पर विरोध प्रदर्शन
आज महिला नर्सिंग कर्मचारियों ने मिनी सचिवालय की सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार हमसे काम ज्यादा लेती है और हमारी तनख्वाह कम है. तनख्वाह कम होने के चलते परिवार का पालन पोषण नहीं हो पाता. इसलिए हमने सरकार को नींद दे जगाने के लिए थाली बजाई है. एलएचवी और एएनएम एसोसिएशन की उपाध्यक्ष सरोज कुंतल का कहना है कि हम 22 दिन से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. हमारी मुख्य मांग ग्रेड पे को 2800 से बढ़ाकर 3600 करने की है.
उन्होंने कहा कि सरकार हमारी नहीं सुन रही है. इसके चलते हमने आज सरकार को नीद से जगाने के लिए थाली बजाई है. धरना शुरू हुए 22 दिन हो गए हैं, लेकिन सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी है. इसीलिए थाली बजाकर हमको सरकार को जगाना पड़ रहा है. वहीं भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह फौजदार महिला नरसिंघ कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचे और अपना समर्थन देकर कहा की प्रदेश की कांग्रेस सरकार को महिला नर्सिंग कर्मचारियों की वाजिब मांग है. इसे मानना चाहिए.
नेम सिंह ने क्या कहा
नेम सिंह ने कहा " ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है. ग्रामीण इलाके में जनता गरीब है. जनता इन महिला नर्सिंग कर्मचारियों को ही अपना सहारा मानती है. महिला नर्सिंग कर्मचारी यहां धरने पर बैठी हैं. बड़े - बड़े उद्योगपति तो अपना इलाज कराने बड़े - बड़े अस्पताल में चले जाते हैं. कोरोना से लेकर अब तक जो भी जोखिम के काम हुए सबको इन्हीं कर्मचारियों ने किया. सरकार को इनकी मांग माननी चाहिए. इनको 3600 का ग्रैड पे मिलना चाहिए."
उन्होंने कहा कि जब तक इनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक हम इनके समर्थन में इनके साथ है. गौरतलब है की मिनी सचिवालय के गेट पर 1 मई से मेडिकल और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी एएनएम के साथ- साथ लएचवी ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दे रही हैं.