Bharatpur Foundation Day 2024: राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाने वाले भरतपुर का आज (19 फरवरी) 291 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, जिसके उपलक्ष में यातायात चौराहे के पास स्थित महाराजा सूरजमल स्मारक पर लोहागढ़ विकास परिषद और पर्यटन विभाग की तरफ से पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. पुष्पांजलि कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि के रूप में भरतपुर लोहागढ़ दुर्ग के संस्थापक महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और फूल माला अर्पित की.
जानकारी के अनुसार भरतपुर की स्थापना हिंदू धर्म के रक्षक महाराजा सूरजमल ने 1733 में की थी और भरतपुर रियासत की सीमाओं का विस्तार धीरे-धीरे अलीगढ़ मेरठ बुलंदशहर आगरा मथुरा तक हो गया था. जिसके अधीन गंगा यमुना नदी भी आती थी. मुगलों और अंग्रेजी कंपनी ने कई बार भरतपुर के लोहागढ़ दुर्ग पर आक्रमण किया, लेकिन उनको अपने मुंह की खानी पड़ी और हार कर वापस जाना पड़ा, लेकिन अजय माने जाने वाले लोहागढ़ दुर्ग को कोई भी आक्रांता कभी जीत नहीं सका.
सभी धर्मों का सम्मान
भरतपुर रियासत एक ऐसी रियासत थी, जहां सभी धर्मों का वास होता था और कहा जाता है भगवान कृष्ण स्वयं रियासत की प्रजा की रक्षा करते थे. यहां के राजा स्त्री बच्चे शरणार्थियों को शरण देने और उनकी रक्षा करने का दायित्व निभाते हुए शासन करते थे, जहां सभी जाति और धर्म के लोगों को समान रूप से देखा जाता है और सभी को बराबर का सम्मान दिया जाता था. इसी कारण यहां के राजाओं ने जहां एक तरफ मंदिर बनवाया तो उसके बिल्कुल समीप ही मस्जिद का निर्माण भी कराया.
'भरतपुर का नाम भगवान से जुड़ा हुआ है'
पुष्पांजलि कार्यक्रम कई स्कूल के बच्चों ने भी भाग लिया. स्कूली बच्चों की तरफ से जगह-जगह से रैली निकाली गई. रैली यातायात चौराहे पर स्थित महाराजा सूरजमल पार्क पर जाकर कार्यक्रम स्थल पर संपन्न हुई. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी जयपुर से चलकर सीधे सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उनका जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बुके देकर स्वागत किया. विधानसभा अधयकष को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओंने माला पहना कर विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत किया. उसके वाद विधानसभा अध्यक्ष पुष्पांजलि कार्यक्रम में पहुंचे और सम्बोधित करते हुए कहा कि जब मैं शिक्षा मंत्री था तो मैंने महराजा सूरजमल के पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल कराया था. महाराजा सूरजमल को जाटों का प्लेटो कहा गया है. उन्होंने कहा की भरतपुर का नाम भगवान राम से जुड़ा हुआ है.
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने क्या कहा?
पुष्पांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि भगवान राम के जिस तरह पुरे 500 वर्ष के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई है. मैं कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी भगवन राम अपने गर्भ गृह में पहुंचेंगे. भरतपुर लोहागढ़ दुर्ग जो अजय दुर्ग है. भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग विख्यात है, अदभुद है, अजय है. उसमे किसी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है, लेकिन अभेद रहा है. महाराजा सूरजमल ने मुगलों,मराठों का भी मजबूत ताकतों के साथ विरोध.
महाराजा सूरजमल का कार्य क्षेत्र केवल भरतपुर ही नहीं रहा भरतपुर के आसपास और हरियाणा के सोनीपत तक उत्तर प्रदेश में भी गया. ऐसे महाराजा सूरजमल को आज स्थापना दिवस के रूप में याद करना जरूरी है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद गोवर्धन गिरिराज के दर्शन करने के लिए पहुंचे. शाम को विधानसभा अध्यक्ष सांस्कृतिक संध्या में शिरकत करेंगे और आज ही देर शाम जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.