Rajasthan Government: राजस्थान की कांग्रेस सरकार प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए नए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने के बजट की घोषणा की है. सरकार द्वारा अंग्रेजी भाषा में दक्षता बढ़ाने और गरीब छात्रों तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं लेकिन जो स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे हैं उनकी तरफ किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री का ध्यान नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र में संचालित स्कूल की हालत खस्ता है, कही बिल्डिंग गिरासू है तो कहीं टीचर की कमी है, जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. बच्चे जान को जोखिम में डाल कर स्कूल जाते हैं, कई बार रास्ते में जलभराव होने के कारण बच्चे पानी में गिर भी जाते हैं.


इसके अलावा बच्चे कई जगह अपनी जान को जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. भरतपुर जिले में एक महीने पहले विदाई लेते मानसून की हुई बरसात से कई जगह आज भी जलभराव की स्थित बनी हुई है. भरतपुर संभाग मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर के क्षेत्र में कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं जहां आज भी जलभराव होने के कारण छात्र-छात्राएं मंदिर या पंचायत भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. 


जिले से चार मंत्री 


भरतपुर जिले से राजस्थान सरकार में चार विधायक मंत्री बने हैं. इसमें दो कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्री बने हैं. भरतपुर की कामां विधानसभा सीट से विधायक जाहिदा खान के शिक्षा राज्य मंत्री होते हुए भी भरतपुर में शिक्षा का स्तर डाउन है. बरसात हुए एक महीना हो गया लेकिन स्कूलों में आज भी जलभराव की स्थिति जस की तस बनी हुई है. सरकार द्वारा या शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल से पानी निकालने की किसी ने नहीं सोचा. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव जघीना में प्राइमरी स्कूल में बरसात का पानी भर गया. तब से लगभग एक महीना हो गया अभी तक ना तो ग्राम पंचायत ने ही कोई सुध ली है ना ही शिक्षा विभाग ने कोई व्यस्था की. छात्र-छात्राओं को पंचायत भवन में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
 
वही भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के ही सेवर स्थित अनाह के प्राइमरी स्कूल का भी यही हाल है. यहां भी काफी पानी भरा है इसलिए स्कूल बंद है. लगभग 35 बच्चों को 2 अध्यापक पास के मंदिर में पढ़ा रहे हैं. यहां भी बरसात के मौसम में हर बार मंदिर में ही क्लासें लगानी पड़ती है. मंदिर में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करते समय बड़ी परेशानी होती है क्योंकि मंदिर में जब कोई दर्शन करने आता है तो मंदिर का घंटा बजाते हैं जिससे बच्चे डिस्टर्ब होते हैं. 


क्या कहना है गांव वालों का 


गांव वालों का कहना है कि बरसात के मौसम में हर बार यही होता है. स्कूल में जलभराव हो जाता है और पानी भरने से मंदिर में स्कूल की क्लास लगानी पड़ती है. सभी बच्चों को एक साथ एक ही जगह एक से अधिक क्लास लगानी पड़ रही है. कई बार पहले ग्रामीणों ने जन सहयोग कर पंपसेट से स्कूल का पानी निकलवाया था लेकिन इस बार काफी दिनों से स्कूल से पानी नहीं निकला है. 


डीईओ का क्या कहना है 


जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर दयाल बंसल से जब इस बारे में कहा की भरतपुर का ड्रेनेज सिस्टम खराब है. बरसात के पानी से जलभराव हो रहा है, उच्च अधिकारीयों को इससे अवगत करा दिया गया है और कोशिश है कि जल्द ही स्कूल परिसर से पानी निकासी की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग में ही स्कूल का संचालन किया जायेगा. 


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