Rajasthan Weather: राजस्थान के भरतपुर जिले के कलेक्टर डॉ.अमित यादव ने जिले में पड़ रही भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान के कारण लू और तापमान को देखते हुए आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है साथ ही इसके पालना करने का आह्वान किया है.
जिला कलेक्टर ने की अपील
भरतपुर जिला कलेक्टर डॉ.अमित यादव ने एडवाइजरी जारी कर उसकी पालना करने की अपील की है. भरतपुर जिले में सूर्य भगवान आग बरसा रहे है. जिले का तापमान 45 डिग्री से ऊपर चल रहा है. जिले में अत्यधिक गर्मी के कारण लू एवं ताप की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बचाव के लिए आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर उसकी पालना करने की अपील की है. जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका दूरभाष नंबर 05644-220320 है. कोई भी परेशानी होने पर संपर्क कर आवश्यक सहायता और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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लू से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें?
जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि सभी नागरिक गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीएं और अपने आप को हाइट्रेटेड रखने के लिए ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें. जिला कलेक्टर ने कहा कि हल्के रंग, ढीले, सूती कपड़े पहनें. साथ ही अगर घर से बाहर जाना हो तो अपना सिर ढकने के लिए कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करे. आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाये. उन्होंने बताया कि बंद वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोडे. सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करें.
पेड़ लगाने की दी सलाह
जिला कलेक्टर ने आम नागरिकों को आगामी बरसात के मौसन में अधिक से अधिक पेड़ लगाने, जल स्त्रोतों का संरक्षण करने की अपील की है. साथ ही सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों और कचरे को नहीं जलाएं. उन्होंने बताया कि कुशल उपकरणों, स्वच्छ ईधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोंतो का उपयोग करें. अगर किसी व्यक्ति को चक्कर आ रहे है या अस्वस्थ महसूस कर रहे है तो तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर जाये या तुरन्त डॉक्टर के पास जाने के लिए कहें.
लू तापघात के लक्षण
जिला कलक्टर ने बताया कि लू तापघात से कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है लेकिन बच्चे, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं का लू से प्रभावित होने की सम्भावना अधिक रहती है. उन्होंने बताया कि सिर का भारीपन, सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, शरीर में थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना आदि लू लगने के लक्षण हैं.
लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए
डॉ. यादव ने बताया कि लू से प्रभावित व्यक्ति के तापमान को कम करने के लिए पीड़ित के सिर पर गीले कपड़े का उपयोग करें/पानी डाले. व्यक्ति को ओआरएस, नीबू, शरबत या जो कुछ भी शरीर को पुनः सक्रिय करने के लिए उपयोगी हों, पीने के लिए दें. उन्होंने बताया कि व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाये. यदि लगातार उच्च तापमान बना रहता है और सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली या भटकाव आदि के लक्षण स्पष्ट महसूस हो तो ऐसी स्थिति में 05644-220320 /100 नं पर कॉल करे.
पशुपालक करें यह उपाय
जिला कलेक्टर ने बताया कि पशुपालकों से भी अपील करते हुए कहा कि पशुओं को छाया में रखें और उन्हे पीने के लिए पर्याप्त स्वच्छ और ठंडा पानी दे. पशुओं से सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच कोई काम न लें.
पशुओं की शेड की छत को पुआल से ढक दे, तापमान कम करने के लिए इसे सफेद रंग, चूने से रंग दे या गोबर से लीप दें. उन्होंने सलाह दी है कि अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिडकाव करे और मवेशियों को ठंडा करने के लिए एक जल निकाय पर ले जाए. उन्हे हरी घास, प्रोटीन-वसा बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें. कम गर्मी वाले घंटों के दौरान उन्हें चरनें दें.