Rajasthan News: संत विजय दास आत्मदाह मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट से भरतपुर रेंज के आईजीपी संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने दोबारा जांच के लिए अधिकारी की नियुक्ति कर दी है. बता दें कि डीग जिले में दो साल पहले अवैध खनन के खिलाफ साधु संतों ने मोर्चा खोल दिया था. धरना प्रदर्शन कर रहे संत गांव पसोपा में अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. 550 दिनों से जारी धरना के दौरान एक संत नारायण दास टॉवर पर चढ़ गये. मौके पर मौजूद पुलिस टॉवर से उतरने के लिए संत नारायण दास को समझा रही थी.
प्रशासन से मांग पूरी नहीं होने पर धरनास्थल के पास संत विजय दास ने 20 जुलाई, 2022 को पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली. संत विजय दास के आग लगाने से मौके पर हड़कंप की स्थिति पैदा हो गयी. आग में प्रदर्शनकारी संत विजय दास गंभीर रूप से झुलस गये. इलाज के लिए संत विजय दास को अस्पताल ले जाया गया. 23 जुलाई को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. संत विजय दास के आत्मदाह मामले पर राजस्थान की सियासत गरमा गई.
संत विजय दास आत्मदाह मामले की दोबारा होगी जांच
आत्मदाह मामले में पुलिस ने संत के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जांच अधिकारी ने दो वर्ष बाद आत्मदाह मामले में एफआर लगा दी. एफआर लगने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे. अब भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने मामले की दोबारा जांच कराने का आदेश दिया है. उन्होंने कामां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश यादव से मामले की दोबारा जांच करने को कहा है. पुलिस का कहना है कि धरना स्थल पर संत विजय दास ने आत्मदाह किया था. दूसरे संत नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गये थे. अब पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर एफआर की जगह नए सिरे से जांच की जाएगी.
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