NCR Region News: राजस्थान के 2 जिले अलवर (Alwar) और भरतपुर (Bharatpur) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) एनसीआर में आते हैं. दिवाली से ही दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता खराब होने पर औद्योगिक इकाइयों पर रोक लगाई गई. इस वजह से क्षेत्र में लगभग 125 ईंट के भट्टे, खनन और खनन से संबंधित कार्य पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई गई है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा लगाई गई रोक के कारण हजारों लोगों के आगे रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. 


हजारों लोगों के सामने रोजगार का संकट


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने वायु की गुणवत्ता खराब होने के कारण  29 अक्टूबर को आदेश जारी किया था. जिसमें भरतपुर जिले में अग्रिम आदेश तक ईंट के भट्टे और खनन कार्य और खनन कार्य से जुड़ी सभी गतिविधियां पर रोक लगा दी है.


सभी खनन पट्टा के लीज धारकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश की पालना करें. अगर खनन क्षेत्र में कोई भी पट्टाधारी खनन कार्य करता पाया गया या खनन संबंधित गतिविधियां पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जिले में लगभग 125 ईंट भट्टे को बंद करने के लिए कहा है. इन सभी ईंट भट्टों को 15 अक्टूबर से 15 फरवरी तक बंद करने के निर्देश दिए हैं.


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा बंद किये गये ईंट भट्टों से लगभग 3500 मजदूरों को अपने परिवार का लालन-पालन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनके आगे रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ईंट भट्टों पर अन्य राज्यों से आकर मजदूरी करने वाले मजदूरों को अब अन्य कार्य तलाशना पड़ेगा.


वाहनों की उम्र भी 15 वर्ष 


नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड द्वारा एनसीआर क्षेत्र के लिए गाइडलाइन जारी की जाती है उसी के अनुरूप जिले का प्रशासन व्यवस्था करता है. राजस्थान के दो जिले अलवर और भरतपुर में एनसीआर बोर्ड द्वारा वाहनों के लिए बनाये गए नियम लागू होते हैं.


एनसीआर के वाहनों के नियम के तहत 15 साल ही वाहन को चला सकते हैं, उसके बाद वहां का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. अलवर और भरतपुर को छोड़कर राजस्थान के अन्य जिलों में 15 साल के बाद 5 साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.


क्या कहना है प्रदूषण विभाग का 


प्रदूषण विभाग के अधिकारी विवेक गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर में जब तक वायु गुणवत्ता सही नहीं होगी. तब तक वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश पर जिले में डीजल से चलने वाले जनरेटर सैट, खनन कार्य और खनन संबंधित सभी गतिविधियां बंद रहेगी. जिले में अग्रिम आदेश तक बिल्डिंग निर्माण कार्य पर भी रोक लगाई गई है.


उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार हो जाने पर आयोग सभी गतिविधियों से रोक हटा लेगा. फिलहाल ऐसे सभी कार्य बंद किए गए हैं जिनसे वायु गुणवत्ता खराब होती हो.


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