Bharatpur News: जाट आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार (3 फरवरी) भरतपुर जिले में दो सभाएं आयोजित की गई है. पहली बैठक शहर के एक मैरिज गार्डन में आयोजित की गई. इस बैठक में पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह शामिल हुए. इस मौके पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा, "मेरी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से फोन पर वार्ता हो गई है. उपमुख्यमंत्री ने वार्ता के लिए कमेटी बनाने के लिए बोला है." विश्वेंद्र सिंह डिप्टी सीएम दीया कुमारी का हवाला देते हुए कहा, "उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि हम केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने के लिए तैयार हैं."


इसलिए पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने विजयपाल सिंह और मनुदेव सिनसिनी को संयोजक बनाया है. वार्ता के लिए 11 सदस्यीय कमेटी गठन करने के लिए कहा गया है. यह जिन लोगों की कमेटी बनाएंगे जयपुर और दिल्ली वही कमेटी वार्ता करने जाएगी. इस मौके पर पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के तीन जिलों भरतपुर, डीग और धौलपुर जिलों के जाट समाज ने केंद्र में ओबीसी आरक्षण की लड़ाई पिछली सरकार में भी लड़ी थी जब में मंत्री था. इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी भी लिखी थी मंत्रिमंडल के हस्ताक्षर भी हुए थे, लेकिन केंद्र ने अभी तक कोई विचार नहीं किया है. 


'सीएम ने केंद्र सिफारिशी चिट्ठी लिखने का दिया आश्वास'
वार्ता कमेटी को लेकर पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब बीजेपी की सरकार बन गई है. आज सुबह ही मेरी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से वार्ता हुई है, मुख्यमंत्री से भी वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि आप कमेटी बना लीजिये और एक दिन पहले बता दें उनका स्वागत है. इसके लिए हम केंद्र सरकार को सिफारिशी चिठ्ठी लिख देंगे. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के एक मुख्यमंत्री केंद्र को चिठ्ठी लिख देंगे तो इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा.


'आरक्षण हमारा हक है, इसे लेकर रहेंगे'
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि आरक्षण हमारा हक है और आरक्षण लेके रहेंगे. उन्होंने कहा कि पहले हम वार्ता करेंगे और अगर वार्ता से बात नहीं बनेगी तो उसके बाद निर्णय लेंगे आगे क्या करना है. सरकार का रुख सकारात्मक है, मेरी मुख्यमत्री से और उपमुख्यमंत्री से वार्ता हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हम आपकी जितनी मदद होगी करेंगे. यह मेरा आपसे वादा है, आरक्षण दिला के रहेंगे. 


महापड़ाव पर हुई दूसरी बैठक 
दूसरी तरफ आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम फौजदार के नेतृत्व में चल रहे महापड़ाव में भरतपुर के जाट समाज के अलावा धौलपुर, डीग और करौली जिलों से भी जाट समाज के लोग जयचौली पहुंचे. जहां नेम सिंह फौजदार ने कहा कि शाम 5 बजे तक वह निर्णय कर लेंगे की, आगे रणनीति क्या रहेगी. आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने 3 फरवरी तक केंद्र सरकार से वार्ता के लिए कहा था, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से वार्ता के लिए बुलावा नहीं आया है.
जयचौली में शनिवार (3 फरवरी) को महापड़ाव को 18वां दिन है. नेम सिंह फौजदार ने आज आगे की रणनीति बनाने के लिए जिलेभर के जाट समाज समाज के लोगों को इकट्ठा किया है और समाज की सरदारी 5 बजे के बाद आगे की आंदोलन की रणनीति बनाएगी. जिसमे कोई भी निर्णय लिया जा सकता है. 


'जाट आरक्षण के लिए आरपार की लड़ाई'
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि जयचौली में आज महापड़ाव का 18वां दिन है. जिले में कुल तीन महापड़ाव चल रहे हैं. सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है. हम गांधीवादी तरीके से परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन अब आरपार की घड़ी का फैसला आ चुका है. आज जिलेभर के समाज को इकट्ठा किया है. सभी अपने-अपने विचार रख रहे हैं. आज आरपार की लड़ाई का फैसला होगा. उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक महापड़ाव नहीं हटेगा. आंदोलन की रणनीति संघर्ष समिति के लोग तय करेंगे, निश्चित ही अब आंदोलन सड़क और पटरी पर जाने को मजबूर है.


'सरकार ने की है समाज को तोड़ने की कोशिश' 
नेम सिंह फौजदार ने राज गार्डन में हुई सभा को लेकर कहा कि वह सभा मेरे संज्ञान में नहीं है. हम महापड़ाव पर रहते हैं. यह तो आंदोलन है, तरह-तरह से लोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार (3 फरवरी) शाम 5 बजे तय हो जाएगा क्या करना है? सरकार की तरफ से वार्ता का कोई मैसेज नहीं आया है. जाट समाज ने कभी वार्ता के लिए मना नहीं किया है. नेम सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने समाज को तोड़ने की कोशिश की है. समाज एक था एक है और एक ही रहेगा. आंदोलन सब लोग कर रहे हैं, चाहे तरीका अलग-अलग रहे.


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