(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bharatpur News: पक्षियों की नगरी केवलादेव नेशनल पार्क की खोई रौनक लौटी, अब पहुंच रहे देश-विदेश से पर्यटक
Rajasthan: भरतपुर के विश्व विख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को लुभा रही है. इस उद्यान में लोग फरवरी माह तक आते हैं.
Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित केवलादेव नेशनल पार्क (Keoladeo National Park) में अब विदेशी पर्यटक पक्षियों की चहचहाट सुनते नजर आने लगे हैं. कोरोना काल के दो साल विदेशी पर्यटकों के आगमन पर रोक के कारण उद्यान की रौनक चली गई थी. कोरोना महामारी के कारण यहां देशी पर्यटकों का भी आना काफी हो गया था. भरतपुर के विश्व विख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को लुभा रही है. देशी-विदेशी परिंदे उद्यान की झीलों में लगे पेड़ों पर आशियाने बनाकर वंश वृद्धि प्रक्रिया में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही कोरोना काल में खोई हुई उद्यान की रौनक फिर से लौटने लगी है.
रोज आ रहे सैकड़ों पर्यटक
केवालदेव उद्यान का विंटर सीजन धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है और अब प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक उद्यान का भ्रमण करने पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी विदेशी पर्यटकों की संख्या उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए. अक्टूबर महीने में लगभग 500 से अधिक विदेशी पर्यटकों ने केवलादेव नेशनल पार्क में आकर भ्रमण किया. केवलादेव नेशनल पार्क में पर्यटकों के आने का सीजन अक्टूबर महीने से ही शुरू होता है और फरवरी माह तक पर्यटकों का उद्यान में आने का सिलसिला रहता है.
जिला भरतपुर में टीटीजेड और एनसीआर की पाबंदियों के कारण फैक्ट्रियां कम है और लोगों के रोजगार का मुख्य साधन अब पर्यटक से जुड़े व्यवसाय ही हैं. केवलादेव नेशनल पार्क में जितने देशी-विदेशी पर्यटक पक्षियों को निहारने आएंगे उतना ही लोगों का रोजगार बढ़ेगा. केवलादेव नेशनल पार्क में पक्षियों की लगभग 300 प्रजातियां देखने को मिलती है. केवलादेव नेशनल पार्क में देशी-विदेशी पर्यटकों की भरमार से उद्यान के गाइड, रिक्शा चालकों को रोजगार मिलने लगेगा.
केवलादेव नेशनल पार्क में इन दिनों चाइना कूट, सबलर, इंडियन सारस, ओपन बिल स्टोर्क, स्पून बिल, परपल हेरन समेत कई देशी-विदेशी प्रजाति के पक्षियों की क्रीड़ाओं को देख पर्यटक मन्त्र मुग्ध हो रहे हैं. उद्यान की झिझली झीलों में पर्याप्त पानी होने से पक्षियों को भी सुकून मिल रहा है और उन्हें पानी में से भोजन के रूप में मछली, वनस्पति मिल रही है.
गाइड का क्या कहना है?
गाइड कृष्णगोपाल ने बताया कि इस बार मानसून की विदाई के समय से हुई. अच्छी बरसात के कारण पार्क की झीलों में पर्याप्त पानी भर गया है. माइग्रेडी पक्षियों ने अपनी कॉलोनियां बनाकर नेस्टिंग शुरू कर दी. झीलों में ओपन बिल स्टोर्क, स्पून बिल, परपल हेरॉन, ग्रे हेरॉन इन पक्षियों ने अच्छी संख्या में नेस्टिंग की है जो पर्यटकों को काफी लुभा रही है. पानी की पूर्ति होने से केवलादेव नेशनल पार्क में पर्यटक आने लगे हैं. केवलादेव नेशनल पार्क में झीलों में पानी भरने से पर्यटकों के लिए बोटिंग्स भी शुरू हो गई. बोटिंग्स से पर्यटक पक्षियों को पास से जाकर निहार सकेंगे.