Mali Community Protest: पिछले सात दिन से, अलग आरक्षण की मांग कर रहे लोगों ने भरतपुर (Bharatpur) में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर लगे जाम को हटाने से इनकार कर दिया. प्रदर्शनकारी अब मोहन सैनी के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, आश्रित को सरकारी नौकरी और मोहन सैनी को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. सैनी ने कथित तौर पर आरक्षण के मुद्दे को लेकर विरोध स्थल के पास एक पेड़ से फांसी लगा ली थी.


गतिरोध खत्म करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है लेकिन अभी तक कोई निर्णायक फैसला नहीं हो सका है. माली समाज की नेता अंजलि सैनी ने कहा, 'आंदोलन जारी है. हमने मोहन सैनी के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजा, आश्रित को सरकारी नौकरी और सैनी को शहीद का दर्जा देने की मांग की है. वार्ता हो रही है. कल की बैठक बेनतीजा रही.' साथ ही प्रदर्शनकारियों ने अभी तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराने दिया और शव लेने से मना कर दिया है.


परिवार ने अब तक नहीं लिया मोहन सैनी का शव
नदबई के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) नीतिराज सिंह ने कहा, 'प्रदर्शन अब भी जारी है. उनके मुद्दों पर बातचीत की जा रही है. परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है.' ओबीसी श्रेणी में आने वाले माली समुदाय के सदस्य अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण, एक अलग लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा की मांग कर रहे हैं.


सड़क पर पत्थर रखकर डेरा डाले हुए हैं प्रदर्शनकारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से हैं. तंबुओं में डेरा डाले प्रदर्शनकारियों ने अरौदा गांव के पास एनएच-21 के करीब एक किलोमीटर दूर तक सड़क पर पत्थर रखकर नाकेबंदी कर दी है. अधिकारियों ने कहा कि जयपुर और आगरा के बीच आने-जाने वालों के लिए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है.


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