Bharatpur News: भरतपुर में खनिज विभाग ने आदिबद्री और कनकाचल पहाड़ियों के लीज धारकों को नोटिस जारी कर 15 दिन का समय पक्ष रखने को दिया है. 16 जनवरी 2021 से साधु-संत आदिबद्री और कनकाचल की पहाड़ियों पर खनन बंद कराने के लिए पसोपा गांव में धरना देकर प्रदर्शन कर रहे थे. खनन बंद नहीं होने पर बाबा हरिबोल दास ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी. चेतावनी के बाद हरकत में आई सरकार ने आदिबद्री और कनकाचल की पहाड़ियों को वन क्षेत्र घोषित किया और अब लीज धारकों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया है. इससे पहले 20 जुलाई को बाबा विजय दास ने आत्मदाह कर लिया था.  


नोटिस मिलने पर लीज धारक ले रहे कानूनी सलाह 


बताया जा रहा है कि खनिज विभाग की तरफ से मिली नोटिस पर लीज धारक कानूनी सलाह ले रहे है. हो सकता है लीज धारक कानून का दरवाजा भी खटखटाएं. माना जा रहा है कि 46 लीज धारकों के खनन पट्टे पर तलवार लटक रही है. भरतपुर में आदिबद्री और कनकाचल की पहाड़ियों पर जून 2018 से वसुंधरा सरकार ने खनन की लीज जारी की थी. साधु-संत खनन कार्य का विरोध करते रहे हैं. 20 जुलाई को बाबा विजय दास के आत्मदाह के बाद राज्य सरकार ने 749 हेक्टेयर पहाड़ी को वन क्षेत्र घोषित कर दिया है. आदिबद्री और कनकाचल के लीज धारकों को अन्य पहाड़ियों पर खनन के लिए लीज दी जायेगी. 


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साधु-संतों की खनन लीज पट्टे निरस्त करने की मांग


साधु-संतों ने राज्य सरकार से खनन लीज पट्टे निरस्त करने की मांग की है और पहाड़ियों पर क्रेशर, खनन मशीन को हटवा कर पहाड़ियों पर वृक्षारोपण का काम कराया जाये. राज्य सरकार से ये भी मांग है कि बाबा विजय दास के आत्मदाह की सीबीआई से जांच कराकर दोषी मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.  


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